मध्यप्रदेश हत्याकांड की सीबीआई जांच कर दोषियों को फाॅसी दिलाने की मांग को लेकर सौपा ज्ञापन
रिपोर्टर — मनीष दवे
भीनमाल :– उपखण्ड मुख्यालय पर बुधवार को राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के बैनर तले मध्यप्रदेश में एक परिवार के पांच सदस्यों की जघन्य हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने एवं दोषियों को फाॅसी की सजा दिलवाने को लेकर राष्ट्रपति के नाम उपखण्ड अधिकारी ओमप्रकाश को ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन के बताया कि देवास जिले के एक ही परिवार के 5 सदस्यों की पिछले महिने 13 मई 2021 से गायब हो जाने पर दिनांक 17 मई को उनके परिवार के उक्त सदस्यों के द्वारा नेमावर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी, मृतकों की गुमशुदगी के 47 दिवस बाद घटना का पर्दाफास हुआ जिसमें उक्त 5 सदस्यों की निर्ममतापूर्वक नरसंहार कर आरोपी के संदेह में लगभग 10 फिट गहराई वाले खडडे में गाड दिया गया और सच छुपाने की दृष्टि से शवों को गलाने के लिउ उनके उपर नमक एवं युरिया आदि भी डाला गया।
युवतियों के शवों के कपड़े भी नहीं पाये गये।
उस जघन्य हत्याकांड के पर्दाफास होने के पहले परिजनों व ग्रामीणों के द्वारा संदिग्ध आरोपी को नामजद रूप से पुलिस अधिक्षक देवास, अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक नेमावर एवं थाना क्षैत्र नेमावर में बार बार बताया जा रहा था,
से गिरफतार कीजिए घटना का खुलासा हो जाएगा और मृतक का मोबाईल आरोपी द्वारा उपयोग किया जाकर परिवारजनों को भ्रमित किया जा रहा था,
मोबाईल की लोकेशन के आधार पर भी समय पर गिरफतार किया जा सकता था किन्तु पुलिस द्वारा इस बात को जानते हुए भी नजर अंदाज किया गया इससे स्पष्ठ प्रतित होता है।
कि इस पुरे गंभीर एवं मानवता व इंसानियत को शर्मशार करने वाले प्रकरण में आरोपियों को स्थानीय प्रशासन तथा राजनितिक लोगों का संरक्षण प्राप्त हो रहा था।
पुलिस प्रशासन द्वारा जानबुझ कर लंबे समय तक आरोपियों को गिरफतार न किया जाना स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। उक्त सम्पूर्ण घटनाक्रम अमानवीय व निंदनीय है।
हम सभी माध्यम से मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों आदिवासी समाज के समक्ष सामाजिक संगठनों द्वारा मांग की जाती है कि पिडित परिवार के बचे हुए तीन सदस्यों को एससी उसटी एक्ट में उपबाईट सहायता राशि के अतिरिक्त प्रशासन मृतक के रूपये एक करोड के हिसाब से मुआवजा राशि तत्काल दिलाई जाय व मुल्मिानों को फाॅसी की सजा दी जाये।
इस मौके मौजूद थे
राष्ट्रीय आदिवासी ऐकता परिषद जिला संयोजक फोजाराम राणा,भंवरलाल सुखाड़िया, एडवोकेट राजेश सुखाड़िया, राणाराम, लुणाराम, खेताराम, मदनलाल, सेंधाराम, सुरेश, रमेश, किरण राणा, अभ्रराम, खीदाराम, सुजाराम, डालुराम, जबराराम, ओबाराम, हरीशराम, बिलेश, भगवनाराम, उतमकुमार, रमेशकुमार, सांवलाराम जैसा राम बाबू लाल भट्टा राम सहित दर्जनों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।