राकेश पाण्डेय
गाजीपुर: जिले के सबसे पुराने आयुर्वेदिक होम्योपैथिक व मेडिकल कालेज में मालिक की ना मौजूदगी के चलते वहंा की तमाम शिक्षा चिकित्सा व अन्य व्यवस्थाएं कारिन्दो के हाथ की कठपुतली बनी हुई है। आगुन्तकों द्वारा मालिक का नाम लेते ही पूरे परिसर में भगदड़ मच जाती है और कारिन्दे आगुंतक को झूठ के तमाम गोल गप्पे खिलाने लगते हैं। यहॅा तक कि कई ऐसे रिश्तेदार भी कालेज में जिम्मेदार पदों पर है लेकिन वह खुद अपना महिमा मंडन कराने व पूरी जानकारी खुद लेने के लिये तत्पर रहते है। यह वही विद्यालय है जहा जमीन पर अधिक कब्जे व कागज में तमाम हेर फेर करने के बाद आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में प्रदेश सरकार ने जिला मुख्यालय पर मौजूद इसी की शाखा पर बुलडोजर चला दिया था ।
बतादें कि शहर के रहने वाले डा0 आजम कादिरी का परिवार जिले में सभ्य , सौम्य व शिक्षित परिवार माना जाता है। मेडिकल पेशे से जुड़ने के बाद परिवार के सदस्यों के हाव भाव व रहन-सहन भले बदल गये हो लेकिन डा0 आजम कादिरी अब भी अतीत में जीते है और अपने लोगो के साथ-साथ अपने गुजरे जीवन की सच्चाईयों से कभी किनारा नही करते। डा0 आजम के हर समाज, हर वर्ग व आम लोगों मे भी अच्छी छवि है और इसी के चलते आजम खॉ ने अपने कार्यकाल में जिले में मौजूद सहेड़ी हाल्ट के साथ-साथ शहर में गंगा ब्रिज के पास लखनऊ में व एक अन्य जिले में भी कुल मिलाकर तीन से पॉच मेडिकल कालेज चलाते है। रिश्तेदारों और कारिन्दों के बेवजह प्रदर्शन व आम लोगो के साथ-साथ जिले भर के लोगों को खुद वी0आई0पी0 दिखाने की करतूत के चलते ही आजम खॉ के एक मेडिकल कालेज पर प्रदेश सरकार ने बुलडोजर चलवा दिया। हालाकिं समूचा मामला कोर्ट में है।
शहर के दो दर्जन सभ्य लोगो के साथ-साथ डा0 आजम के तमाम करीबियों व शुभचिंतकों की माने तो पिछले दो सालों से जिस व्यक्ति ने भी डा0 आजम के घर या कालेज पहुंचकर उनसे मिलने की बात कह दिया मौके पर मौजूद कारिन्दे व रिश्तेदार सामने वालो कों झूठ की घुट्टिया पिलाना शुरू कर देते है और हर हाल में यह जानने का प्रयास करते है कि वह व्यक्ति डाक्टर साहब से क्यों मिलेगा और जैसे ही यह जानकारी मिलती है कारिन्दा अपनी औकात के हिसाब से दुम दबाकर निकल जाता है। कई बार तो मिलने जाने वाले लोगों को कारिन्दे अपना नम्बर यह कहकर देते है कि बाद में हमे फोन करें हम बात कर आपको मिलने का समय देगें लेकिन हर बार स्वीच आफ नेटवर्क सेवा खराब, रिश्तेदारी में आये है, दो दिन से गये नही, बीमार है, जैसे बहाने बनाकर सम्बन्धों की आस लेकर इस परिवार की चौखट तक पहुंचने वालोें को पलीता लगा देते है और कई बार मजाक भी बनाते है। इस अभियान में गार्डो से लेकर कालेजों व घर पर पानी पिलाने वाले व झाडू मारने वाले कारिन्दो के साथ-साथ डा0 आजम के कुछ करीबी रिश्तेदार भी शामिल है।
डा0 आजम के मेडिकल कालेजों में पढ़ने वाले तमाम छात्र-छात्रायें डा0 आजम के सम्बन्धों, व्यवहारों, परिचित व रिश्तेदार है और भी तरह के लोग दोस्त, मित्र, पत्रकार, वकील, समाज सेवी व राजनैतिक लोग भी है जो कुछ दिन तक घर व कालेज पर मौजूद कारिन्दों के मायाजाल में फसकर डा0 आजम से मिलना व जाना ही छोड़ दिये। जबकि अपनी समस्याओं से परेशान पूरा परिवार कोर्ट कचहरी व सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाने में परेशान है जबकि कारिन्दे शम्मे गौसिया को अपनी जागीर समझने व लोगों को समझाने का लगातार अभियान चला रहे हैं।