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झोला छाप डॉक्टरो से इलाज कराने को मजबूर ग्रामीण

 

संवाददाता मुदस्सिर हुसैन IBN NEWS मवई अयोध्या

✍️ दूरी होने की वजह से सैकड़ों गांवो के लोग ब्लॉक मवई में बने सरकारी अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते,

28/04/2021 मवई अयोध्या – ब्लॉक मवई अन्तर्गत अनेक छोटे बड़े गांवो में झोला छाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर ग्रामीण, गांवो में न ही कोई डिग्री धारक डॉक्टर, न ही कोई सरकारी अस्पताल, अगर है भी तो गांवो में लोगों को कोसो दूर इलाज के लिए जाना पड़ता है। ऐसे में कहां से गांवो के लोगो को अच्छा इलाज मिल सकेगा। गांवो में तो झोला छाप डॉक्टरों की बाढ़ देखने को मिलती है। जिसके चलते यहां के मरीजों का शोषण व जान जोखिम में बनी रहती है।

यह सब जानकर भी स्वास्थ्य विभाग व आलाधिकारी गहरी नींद में सो रहे हैं। जहां आज कोविड का कहर चारो ओर बरपा है, इस मुसीबत में अगर कोई ग्रामीण बीमार हो जाए तो वह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि उसे अच्छा इलाज कैसे मिले। थक हार कर भगवान भरोसे झोला छाप डॉक्टर से ही इलाज कराने पर मजबूरन जाना पड़ता है। एक तरफ कोविड का कहर और दूसरी और गर्मी का मौसम दोनों के चलते बीमारियों का शिकार हो रहे ग्रामीण झोला छाप डॉक्टरों से इलाज कराने पर मजबूर, मानो जैसे झोला छाप डॉक्टरों की किस्मत ही खुल गई हो।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्लॉक मवई अन्तर्गत ग्राम नेवरा,मवई, बाबा बाज़ार, उमा पुर, संडवा, देव इत, बघेडी, पटरंगा आदि बड़े बड़े चौराहों पर बैठे यह झोला छाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। झोला छाप डॉक्टरों द्वारा मरीज के जेब से पैसा एठने के लिए तुरंत उसे ग्लूकोज की बोतल चढ़ाना सबसे पहला काम है। उन बोतलों में दवा भी है या पानी, यह नहीं पता उन्हें सिर्फ पैसे से मतलब, उस दवा से फायदा हो या न हो। इन डॉक्टरों को छोटे बड़े की दवा में भी फर्क नहीं पता, जिससे कभी कभी मरीजों की हालत बिगड़ जाती है।

 

लेकिन आज भी इन झोला छाप डॉक्टरों पर कोई शिकंजा कसने में विभागीय अधिकारी असफल दिखाई देते हैं। जब ग्राउंड पर आईबीएन न्यूज चैनल ने पड़ताल की तो कुछ लोगो ने बताया कि चाहे वह बुखार हो या कोई अन्य बीमारी डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाएं अधिक दामों में दी जाती है और उन्हें पूरा आश्वासन दिया जाता है कि अब कोई बीमारी नहीं आएगी। इस आश्वासन के बाद भी मरीज को आराम नहीं मिल पाता। आज गरीब इन्हीं झोला छाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर है। अब देखना है विभागीय अधिकारी इस पर अंकुश लगा पाते हैं कि नहीं, क्या ग्रामीणों को अच्छा इलाज मिल पाएगा या नहीं, गांवो के लोगो को भी शहर की तरह अच्छा इलाज या डॉक्टर मिल पाएंगे।

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