रिपोर्ट ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बनने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है जिसने स्नातक, परास्नातक के साथ पीएचडी कोर्स में सीबीसीएस को लागू करने की पहल की है।
कुलपति प्रो राजेश सिंह के मार्गदर्शन में बुधवार को कला संकाय परिषद की बैठक का आयोजन संवाद भवन में किया गया। जहाँ कला संकाय के 12 विभागों की ओर से स्नातक के प्रस्तुत किए गए कोर्सेज को परिषद ने पारित कर दिया है। अब इन कोर्सेज को विद्या परिषद और कार्यपरिषद से अनुमोदित कराकर सत्र 2021-22 में लागू किया जाएगा। संवाद भवन में दो घंटे तक चली बैठक के दौरान हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, इतिहास, प्राचीन इतिहास, राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, उर्दू, भूगोल, ललित कला एवं संगीत विभाग और मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्षों ने अपने अपने विभाग द्वारा पारित कोर्स को कला संकाय परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया। तत्पश्चात सभी कोर्सेज को पारित किया गया। अब इन कोर्सेज को विद्या परिषद और कार्यपरिषद से अनुमोदित कराकर लागू कराया जाएगा। बता दें कि गोरखपुर विश्वविद्यालय के परास्नातक स्तर के सभी विषयों में पढ़ाई सीबीसीएस पैट्रर्न के अनुरूप हो रही है। शासन स्तर से सभी विश्वविद्यालयों को स्नातक स्तर पर सीबीएसए को लागू करने का निर्देश मिला है। जिसके बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोर्स को तैयार करने का कार्य प्रारंभ किया है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए संकायाध्यक्ष प्रो नंदिता सिंह ने सभी विभागाध्यक्षों का स्वागत किया।