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वाराणसी – भाकपा के स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं ने झंडा फहरा कर किया गोष्ठी का आयोजन

टीम आईबीएन न्यूज

वाराणसी: सोनभद्र मे स्थापना दिवस पर सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष फारुख अली जिलानी व युवा समाजिक कार्यकर्ता सिया राम कन्नौजिया ने लिया भाकपा की सदस्यता।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना के 97 वर्ष पूर्ण होने पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उत्साह और गगनभेदी नारों के साथ स्थापना दिवस मनाया गया। चोपन ब्लाक के कनछ गांव में वरिष्ठ कामरेड बूटन प्रसाद जी ने पार्टी का झंडा फहराया और उपस्थित कामरेडों ने इंकलाबी नारे के साथ पार्टी का झंडा गान गाया।

इसके बाद पंचायत के सभागार में गोष्ठी आयोजित किया जहां वक्ताओं ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के स्थापना के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे तमाम युवा जो देश के अंदर और देश के बाहर के थे और जिन्होंने मार्क्सवाद को पढ़ा जो सोवियत क्रांति से प्रभावित हुए विदेश में अलग-अलग और देश में भी अलग-अलग ढंग से काम कर रहे थे वे सभी आजादी के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे।

इन सब ने मिलकर 25 एवं 26 दिसंबर 1925 में पार्टी की स्थापना किया।पार्टी की स्थापना कानपुर नगर में हुई कानपुर में हुए प्रथम सम्मेलन के स्वागत अध्यक्ष मौलाना हसरत मोहनी जो तत्कालीन समय में ख्याति लब्ध हो चुके थे और महान स्वतंत्रता सेनानी हैं ने इस भूमिका का निर्वहन किया था। इसके बाद से इस देश के अंदर कम्युनिस्ट पार्टी ने संगठित रूप से काम करना शुरू किया देश की आजादी के बाद प्रथम चुनाव में जो सन 1952 में हुआ उसमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को ही यह श्रेय जाता है कि उसने देश की पहली गैर कांग्रेसी विपक्षी दल की सरकार बनाई।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभाव के चलते ही।

इस देश के अंदर आजादी के बाद सामंती प्रभाव के विरुद्ध छुआछूत जात पात एवं गरीबों के लिए जमीनों के हकदारी का आंदोलन चला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभाव से इस देश के अंदर बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ और राजाओं का प्रिवी पर्स समाप्त होगा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को ही यह श्रेय जाता है कि उसने इस देश के अंदर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आम आदमी के हाथ में राशन कार्ड का इंतजाम कराया भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का मुख्य लक्ष्य इस देश के अंदर मजदूरों किसानों और गरीबों का शासन है कम्युनिस्ट पार्टी इस देश के धन्ना सेठों और कारपोरेट जगत से कोई चंदा नहीं लेती और कभी भी कम्युनिस्ट पार्टी ने जाति नस्ल धर्म का सहारा नहीं लिया चाहे चुनाव जीते चाहे हारे लेकिन सिद्धांतों से कम्युनिस्ट कभी नहीं देंगे।

वक्ताओं ने इस अवसर पर कम्युनिस्ट आंदोलन के बिखराव के ऊपर भी चर्चा की और इस बात पर संतोष जताया कि अब कम्युनिस्ट एकता की ओर देश आगे बढ़ रहा है और वामपंथी एकता केबल पर वामपंथी शक्तियां देश के दूसरे जनतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को एकजुट करते हुए देश के संविधान की रक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आए हुए खतरे के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी की अल्पसंख्यक सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष फारुख अली जिलानी जी और युवा सामाजिक कार्यकर्ता सिया राम कन्नौजिया जी ने पूंजीवाद वह फासिस्टवाद के विरुद्ध भाकपा के लड़ाकू तेवर और नीतियों से प्रभावित होकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ग्रहण किए। पार्टी नेताओं ने उन्हें लाल अंगवस्त्र के साथ पार्टी का झंडा सौंप कर सम्मान किया।

इस अवसर पार्टी के जिला सचिव कामरेड आर के शर्मा, सहसचिव कामरेड देव कुमार विश्वकर्मा, कामरेड अशोक कुमार कन्नौजिया (एडवोकेट), कामरेड बुद्धिराम, कामरेड अमरनाथ सूर्य, कामरेड हृदय नारायण गुप्ता, कामरेड गुलाब प्रसाद सिंह, कामरेड दलबीर सिंह खरवार, कामरेड दिनेश्वर बर्मा, कामरेड मोतीलाल, कामरेड बंधू सिंह गोंड (पूर्व प्रधान) , कामरेड रामदास, कामरेड चंद्रभूषण पूरी व पार्टी के तमाम कार्यकर्ता उपस्थित रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता कामरेड बूटन प्रसाद जी ने और संचालन कामरेड प्रेम चंद्र गुप्ता जी ने किया।

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