राकेश की रिपोर्ट
गंगा पार इलाके के सुहवल गाव मे स्थित मा अन्नपूर्णा मंदिर परिसर मे नौ दिन भक्ती व ज्ञान की सरिता बहने लगी है ।इस पावन परिसर मे आदि शंकराचार्य ने चारो धामो की प्रतीकात्मक स्थापना भी किया था जो लोगो के भक्ति व उपासना के लिए काफी महत्व रखती है।
आपको बता दे कि बीडियो मे दिख रहे इस पावन स्थल के मुख्य द्वार की भव्यता को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिये जो सोच इस मंदिर के संस्थापक स्व परमार्थ पाण्डेय ने चार दशक पूर्व शुरू की थी उसे उनके कुटुम्ब आज भी सजगता से 48 साल बाद भी सजोये हुए है।
पिछले चार दशक से लगातार महाशिवरात्रि के आठ दिन पूर्व इस पावन चारो धाम परिसर मे सत्संग के साथ भजन कीर्तन के साथ प्रवचन का भी कार्यक्रम चलता रहता है यज्ञ का आयोजन बेहतर हो इसके लिए सनातन पूजा विधि से परिसर मे स्थापित चार धाम के प्रतीको को सजाया गया है कथावाचको के साथ यज्ञ के लिए ब्राम्हणो के साथ साधु-संत जुटने लगे है। आठ दिन के बाद निवेश दिन धूमधाम से भव्य शिवबारात निकाली जाती है। और नव दिन चलने वाले इस आयोजन का महाप्रसाद वितरण के साथ-साथ समापन होता है।कार्यक्रम का आयोजन गाव के निवासी रिद्दी नाथ पाण्डेय की ओर होता है जो परमार्थ पाण्डेय के परिवार के मौजूदा मुखिया है।
कुल मिलाकर चार दशक से धर्म व मानवता के उत्थान के लिए हर साल होने वाले इस आयोजन का धर्मावलम्बियो व चनपद वासियो को इतजार रहता है और इसके सफल आयोजन के बाद आस्था के लिए उमड़े वाले जनसैलाब भक्ति रस मे सराबोर हो जाता है।