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कोतवाल को डांट रहे चोरों को सुप्रीम कोर्ट ने किया बेनकाब:धर्मवीर भड़ाना

 

फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट

फरीदाबाद:भाजपा की जांच एजेंसियां एक साजिश के तहत आम आदमी पार्टी के नेताओं को परेशान कर रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल बेदाग हैं और भाजपा ने लाख प्रयास के बाद भी जब दिल्ली और पंजाब के चुनावों में मुंह की खाई तब इन्होने जांच एजेंसियों का दुरूपयोग करना शुरू कर दिया और एक साजिश के तहत दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन,उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और सांसद संजय सिंह को अपनी साजिश का शिकार बना लिया। ये कहना है आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य धर्मवीर भड़ाना का जिन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है।


धर्मवीर भड़ाना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा को बेनकाब करते हुए स्पष्ट कहा है कि इलेक्टोरल बांड स्कीम आरटीआई एक्ट व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बांड को रद्द करके साफ कहा कि इससे क्विड परो क्यू की झलक दिखती है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि विगत पांच सालों में इलेक्टोरल बांड के माध्यम से लिए गए चंदे का पूरा विवरण स्टेट बैंक चुनाव आयोग को 13 मार्च तक दे और चुनाव आयोग इसका पूरा विवरण चुनाव आयोग की वेबसाईट पर सार्वजनिक करे। उन्होंनें कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद पांच सालों में किस-किस पूंजीपति ने किस-किस दल को कितना चंदा इलेक्टोरल बांड के माध्यम से दिया है,यह 13 मार्च को पता चल जायगा। वहीं यह भी पता चल जायेगा कि किस-किस पूंजीपति ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से चंदा देकर मोदी-भाजपा से क्या-क्या लाभ लिया है।

 

विगत पांच सालों में अकेली भाजपा को ही इलेक्टोरल बांड से 6554 करोड़ रूपये की रिश्वत पूंजीपतियों से मिली है। भाजपा ने इस इलेक्टोरल बांड का अधिकांश हिस्सा चुनावों में खर्च करने की बजाय कांग्रेस-विपक्ष के विधायकों व सांसदों को खरीदने,भाजपा के कार्यालय व सम्पत्तियां बनाने तथा भाजपा की विभिन्न राष्ट्रीय, प्रदेश व जिला ईकाइयों के खातों में यह रिश्वत का पैसा फिक्स्ड डिपोजिट एकाउंट में जमा किया है। धर्मवीर भड़ाना ने कहा कि फैसले में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इलेक्टोरल बांड के माध्यम से दिया गुप्त दान एक तरह से मनी लांड्रिंग ही है। वहीं सीजेआई जस्टिस चंन्द्र चूड ने इस चंदे को कालाधन बताया है।

 

इस प्रकार भाजपा को मिला 6554 करोड रूपये कालाधन है और मनी लांड्रिग का एकदम साफ मामला है। अब ईडी जांच क्यों नही करती? भाजपा को 6554 लाख करोड़ रूपये की यह रिश्वत किसने दी और भाजपा ने इसके एवज में सत्ता दुरूपयोग से क्या-क्या गैरकानूनी काम पूंजीपतियों के हित में किये? इलेक्टोरल बांड घोटाला भारत के राजनीतिक इतिहास में सबसे बडा भ्रष्टाचार,घोटाला व रिश्वत कांड है जो मोदी-भाजपा ने सत्ता बल पर किया है। परेशान विपक्षी पारियों के नेताओं को किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनता ये सब देख रही है और आने वाले चुनावों में भाजपा को सबक सिखाने को तैयार बैठी है। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ चोर कोतवाल को डांट रहे हैं।

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