फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद:जिस खुदा ने आदमी को पैदा किया है उसके लिए सब प्रकार का त्याग मजबूरी नहीं फर्ज बन जाता है। इसीलिए तकवा लाने के लिए पूरे रमजान के महीने रोजे रखे जाते हैं। तो वहीं सेक्टर-62 आशियाना फ्लैट की मस्जिद के इमाम मुबारक ने बताया कि रमजान के महीने में की गई खुदा की इबादत बहुत असरदार होती है। इसमें खान-पान सहित अन्य दुनियादारी की आदतों पर संयम कर जिसे अरबी में’सोम’कहा जाता है।आदमी अपने शरीर को वश में रखता है साथ ही तराबी और नमाज पढ़ने से बार-बार अल्लाह का जिक्र होता रहता है जिसके द्वारा इंसान की आत्मा (रूह) पाक-साफ होती है। तो वहीं दूसरी तरफ सेक्टर-62 आशियाना फ्लैट के प्रधान फखरूद्दीन ने कहा है कि इंसान गलतियों का पुतला भी होता है।अपनी गलतियों को सुधारने का मौका भी रमजान के रोजे में मिलता है। गलतियों के लिए तौबा करने एवं अच्छाइयों के बदले बरकत पाने के लिए भी इस महीने की इबादत का महत्व है। इसीलिए इन दिनों जकात देने का खासा महत्व है।