युसुफ अंसारी संवाददाता
*लखीमपुर खीरी* –देश के छात्रो की शिक्षा सुरक्षा और स्वास्थ्य हेतु सरकार द्वारा उठाए जारहे महत्वपूर्ण कदम मैगलगॅज के अध्यापको के द्वारा आज भी मुह चिढाया जारहा है ।सरकार छात्रो की शिक्षा बेहतर हो इसलिए मुफ्त किताबे यूनिफार्म और स्वस्थ रहने के सारे प्रबन्ध करती है ताकि हर बच्चा शिक्षित होकर देश का नाम रौशन करे ।बाल श्रम रोकने के सारे प्रबंधो पर यह अध्यापक पानी फेरने से बाज आते नही दिख रहे है । मैगलगॅज प्राइमरी स्कूल के अध्यापक इन छात्रो की जान जोखिम मे स्वयं डाल कर काम ले रहे है ।इन्हे न तो अपनी गरिमा की परवाह है और न ही किसी कानून की ।जबकि कानून सख्ती के साथ छात्रो की सुरक्षा शिक्षा और स्वास्थ्य पर अमल करने की बात करती है ।6 से 14 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को को नि:शुल्क व अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकारभेदभाव विहीन, शारीरिक व मानसिक यातना रहित शैक्षिक माहौल का अधिकारविद्यालय भवन,शिक्षक और शिक्षण सामग्री की उपलब्धता का अधिकारआर्थिक जरूरतों के कारण आयु व क्षमता के विपरीत प्रतिकूल शारीरिक श्रम से सुरक्षा का अधिकारसमानता के साथ सामान अवसर व सुविधा का अधिकारसामाजिक अन्याय एवं बँधुआ मजदूरी से सुरक्षा का अधिकारशोषण, अपमान, अमानवीय व्यव्हार व उपेक्षा से बचाव का अधिकार।आखिर कब देश के अध्यापक अपनी जिम्मेदारी समझेंगे ।कहा जाता है कि अध्यापक युग निर्माता होता है तथा बिनासकारी भी होता है ।पर इन अध्यापको को क्या कहा जाएगा ।खुले आम बच्चो की जान जोखिम मे डालकर पिक अप से बोरिया उतरवाई जा रही है जब कि गौर तलब है कि बच्चो की निगरानी के लिए कोई अध्यापक भी वहां मौजूद नही है।
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