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परतावल महराजगंज
धड़ल्ले से बड़े-बड़े अस्पताल जनपद महराजगंज के परतावल क्षेत्र में बड़ी तेजी से खुल रहै है जिससे क्षेत्र के लोगों में खुशी तो अपार हो रही है लेकिन लोग डॉक्टर की डिग्रियां देखकर हैरान भी हैं क्योंकि हड्डी जोड़ नस रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कैसे ह्रदय डायबिटीज आदि रोगों का विशेषज्ञ हो सकता है। स्मरण रहे कि इसी क्रम में अमवा चौक के निकट हरमेन पॉलीक्लिनिक जो अभी कुछ महीनों पहले बड़ी धूमधाम से शुरुआत किया तो इस क्षेत्र के लोगों की आस जगी कि इस क्षेत्र में पढ़े-लिखे लोग डॉक्टरों की एक टीम मिली परंतु अब तो यह ही संभव है की झोलाछाप तो ठीक परंतु ऐसे फर्जी डॉक्टर नहीं क्योंकि इन अस्पताल के बोर्ड पर डॉ एजाज अहमद फिजिशियन एंड सर्जन बीएससी बी यू एम एस हड्डी जोड़ एवं नस रोग और हृदय एवं डायबिटीज आदि रोगों के विशेषज्ञ का बोर्ड लगाया गया है। अब सवाल यह उठता है कि जब हृदय डायबिटीज के विशेषज्ञ डॉक्टर एजाज अहमद होंगे तो कैसे हड्डी रोग विशेषज्ञ होंगे और अगर हड्डी रोग विशेषज्ञ होंगे तो फिर हृदय रोग विशेषज्ञ कैसे होंगें, यह आम जनमानस में संशय बना हुआ है। बड़ी बड़ी कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग के द्वारा छोटे-छोटे गरीब डॉक्टरों पर तो करना स्वास्थ्य विभाग का पैसा बनता जा रहा है किंतु किन परिस्थितियों में बड़े-बड़े हॉस्पिटल खोलकर बड़े-बड़े मरीजों का ठेका लेने वाले ऐसे बड़े अस्पताल पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है। जब भी कार्रवाई होती है तो डॉक्टरों के ऊपर गंभीरता पूर्वक कार्रवाई करके खानापूर्ति कर दिया जाता है जबकि कार्यवाही बड़े डॉक्टरों एवं बड़े अस्पताल के ऊपर होना चाहिए अगर प्राइवेट संचालित बड़े अस्पताल गलती ना करें तो गांव में बैठ कर अपनी जीविका चलाने वाला झोलाछाप डॉक्टर गलती नहीं करेगा क्योंकि वह एक जीविका के तहत प्राथमिक इलाज करता है ।अपवाद को छोड़कर अधिकांश झोलाछाप डॉक्टर गरीब तबके लोगों के लिए भगवान से कम नहीं हैं ।
प्रत्यक्ष प्रमाण है कि कोरोना का आदमी जिनको हम झोलाछाप कहते हैं वही डॉक्टर गांव की जनता के लिए भगवान साबित हुये। गांव की जनता झोलाछाप डॉक्टरों से खुश रहती है क्योंकि सस्ते दरों पर 24 घंटा सेवा देने का कार्य अप्रशिक्षित डॉक्टर करते हैं किंतु कार्य करते करते अप्रशिक्षित अधिकांश डॉक्टर किसी प्रशिक्षित डिप्लोमा धारी से कम नहीं है। यह भी कहीं अतिशयोक्ति नहीं है परंतु खेद है जो बड़े-बड़े नाम की डिग्री लेकर यह नहीं पता कि किस डिग्री का डॉक्टर क्या होता है ऐसे अस्पताल संचालकों के खिलाफ आखिर प्रशासन कब कार्यवाही ,करेगा जनता प्रतीक्षारत है।