टीम आईबीएन न्यूज
गाजीपुर: जिले की सभी नगर निकायों की सीटों के लिये सभासद व अध्यक्ष पद के प्रत्याशी आमने सामने हो गये है। जिले भर में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी व समर्थक चुनाव को और रोचक बना रहे है। जिले की दो सीटों पर पूर्व से भाजपा काबिज रही है। जबकि एक सीट पर तीसरी बार दल बदलकर प्रत्याशी ने अपना पासा फेक दिया है। हालांकि किसी भी दल के बड़े नेता की ओर से किसी के समर्थन में अभी तक कोई नुक्कड़ सभा भी नही हो पायी है।
सपा व बसपा के दावेदार बदलने से रोचक हुआ मुकाबला
गाजीपुर सदर सीट पर पूर्व अध्यक्ष सरिता अग्रवाल भाजपा के सिम्बल पर चुनाव लड़ रही है जबकि समाजवादी पार्टी ने अपने पूर्व उम्मीदवार विवेक सिंह शम्मी को किनारे करते हुए दिनेश यादव को उम्मीदवार बनाया है। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने सुभाष चैहान पर दांव लगाया है। यानि सपा और बसपा ने अपने पूर्व दावेदारो को मौका नही दिया और नये चेहरे उतार दिये गये।
सपा सहित भाजपा समर्थक अपनी जीत को लेकर आश्वस्त
एक तरफ भाजपाई सपा के फैसले को अपने चुनाव का वाकओवर बता रहे है वहीं समाजवादी सुरमा अपने प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित मानकर चल रहे है। लगातार 15 सालो से सपा अपनी जीत को लेकर पूर्व से ही आश्वस्त रहती है लेकिन वोटों की गिनती के बाद एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने का क्रम चलता रहता हैं।
बसपा उम्मीदवार ने की कैडर वोटर के साथ अन्य वोटरो की कडी गोलबंदी
जबकि बहुजन समाज पार्टी की ओर से मैदान में उतरे सुभाष चैहान की नौजवानों के साथ-साथ सर्व समाज भी काफी पकड़ है और पार्टी के मूल वोटो के साथ-साथ चैहान बिन्द, मल्लाह, लाला, कुर्मी व यादव वोटो के साथ-साथ मुसलमान वोटों को अपने पक्ष में लाने के लिये बसपा कार्यकर्ताओ के द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
सपा के समर्पित दावेदारो की बातो से झलक रही है मेहनत की कसक
पूर्व से यह सीट भाजपा की रही है और इसी के चलते भाजपा के कुछ कट्टर समर्थक भी अपना काम न बन पाने से विरोधियों के खेमे में दिखाई दे रहे हैं। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी की ओर से विवेक सिंह शम्मी, समीर सिंह व आमिर अली के साथ अतीत राईनी का टिकट कट जाने के बाद पाॅच साल की गयी चारों समाजवादियों की गोलबन्दी बिखर तो गई है लेकिन पार्टी नेतृत्व व हाईकमान के दबाव में सारे लोग दिनेश यादव के सुर में सुर मिला रहे है। प्रचार का काम तेज हो गया है।
आम आदमी पार्टी को मिल रहा समर्थन भाजपा ही नही सपा का भी बढ रहा संकट
आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर वैश्य समाज का प्रत्याशी गोपाल वर्मा को उतारकर भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौती देने का काम किया है। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से जुड़े शरीफ राईनी को अपने पाले में करने का दावा किया है लेकिन नगरवासी यह नही समझ पा रहे है कि शरीफ के सपा खेमे मे जाने से उनके समर्थक भी सपाई हो जायेगें या वोट बसपा को ही क्यो देगे ।
कांग्रेस प्रत्यासी संगठन की नीतियो को लोगो को दे रहा है जानकारी जारी है प्रचार
कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी हामिद अली अपने हिसाब से माहौल बनाने में लगा है। शहर की गलियों में प्रचार प्रसार जोर पकड़ता जा रहा है। वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिये सभी दलों के दिग्गज दिन रात एक किये हुये है। कुल मिलाकर दो बार अध्यक्ष की कुर्सी पर रहे विनोद अग्रवाल व उनकी पत्नी सरिता अग्रवाल के खेमे से कई महत्वपूर्ण चेहरें दूसरे दलो में मौका तलाश रहे है।
सदर विधायक के बयान ने जिले भर के सभ्य समाज को दे दिया सोचने का मौका
जबकि समाजवादी पार्टी की ओर से पाॅच साल तैयारी कर टिकट मांगने वालों की लिस्ट काटकर दिनेश यादव को प्रत्याशी बनाये जाने से अन्दर खाने कसक तो है लेकिन लोग जाहिर नही कर रहे है। सपा प्रत्याशी को जीताने के लिये सदर विधायक जैकिशुन साहू दो दिन पूर्व दिये गये बयान में अतीक की पत्नी शाइस्ता व मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी को साफ पाक बताकर सभ्य समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया हैं।
शहर के अंदरखाने बसपा को मिल रहे समर्थन व बन रहे समीकरण से चमत्कार के आसार
ऐसे में बहुजन समाज पार्टी की ओर से अपनी दावेदारी कर रहे प्रत्याशी सुभाष चैहान की राह काफी आसान है। पार्टी के कैडर वोट के साथ-साथ अगर चैहान, मुसलमान, कुशवाहा व बिन्द समाज के साथ वैश्य समाज नें थोड़ा भी संज्ञान लिया तो मामला पलटते देर नही लगेगी।
राकेश की रिपोर्ट