Ibn news Team DEORIA
दिनांक 24.02.2024 को, 2030 जल संसाधन समूह “ विश्व बैक” (2030 डब्ल्यू0आर0जी0) एवं ग्रेटर शारदा सहायक समादेश क्षेत्र विकास प्राधिकारी/परियोजना उ0प्र0 के संयुक्त तत्वाधान में एक तकनीकी कार्यशाला “Command Area Development Through Micro-Irrigation” होटल ताज, गोमतीनगर लखनऊ में प्रातः 09:30 – 06:00 बजे तक आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला में 2030 जल संसाधन समूह, विश्व बैंक के अधिकारी, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य राज्यों के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग से जुड़े अधिकारी, कृषि एवं कृषि से सम्बद्ध विभागों के अधिकारी के साथ-साथ विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी भाग लेंगे। साथ ही जल संरक्षण से जुड़े विभिन्न स्वंय सहायता समूह (एन0जी0ओ0), सोशल एक्टीविष्ट, विभिन्न पद्मश्री प्राप्त विभूतियां तथा विषय वस्तु विशेषज्ञ भी भाग लेंगे।
उत्तर प्रदेश में सिंचित क्षेत्र बढ़ाने के लिए माइक्रो-इरीगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) ही एकमात्र विकल्प है जिसके द्वारा कम पानी में अधिक सिंचाई के साथ अधिक उत्पादकता के द्वारा किसानों की अधिक आय को बढ़वा दिया जा सकता है। “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” के अलावा नहरों के कमांड क्षेत्र का माइक्रो-इरीगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) के माध्यम से विकास इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश में माइक्रो-इरीगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) के द्वारा सिंचाई क्षेत्र का विस्तार और जल उपयोग दक्षता को बढ़ावा देना है। माइक्रो-सिंचाई के माध्यम से न केवल कृषि उत्पादकता वृद्धि होती है अपितु जल उपयोग को अनुकूलित करने में भी सहायता मिलती है।
कम पानी में अधिक सिंचाईः अधिक फसल-अधिक कमाई के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में यह एक नया प्रयास है। आगे भी इसी तरह के कार्यक्रम का आयोजन करने की योजना है, जिसमें जल संरक्षण के माध्यम से जलवायु परिवर्तन रोकने के विषय पर जागरूकता आदि का कार्य किया जायेगा।
उपरोक्त तकनीकी कार्यशाला में सिंचाई की विभिन्न नवीन तकनीकियों और कृषकों की आय को बढाने के सन्दर्भ में परिचर्चा की जायेगी। उसमें प्राप्त होने वाले सुझावों पर अमल कर किसान बंधु कम पानी में अधिक सिंचाई कर अपनी पैदावार को बढा सकेगें।
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