रिपोर्ट ब्यूरो
गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्विद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में बारहवें पुनश्चर्या पाठयक्रम तीसरे दिन के प्रथम सत्र में प्रो0 आशु रानी, कोटा विश्वविद्यालय ने अपने व्याख्यान से सभी को लाभान्वित किया, उन्होंने अपने व्याख्यान में अकादमिक और अनुसंधान में नैतिकता के महत्व को विस्तार में बताया। उन्होंने अपने व्याख्यान में यह भी बताया कि अपने शोध पत्रो को हम साहित्यिक चोरी से कैसे बचा सकते हैं इस सत्र में प्रो0 रानी का परिचय डॉ आरती विश्वकर्मा द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अखिलेश सिंह द्वारा दिया गया।
प्रथम सत्र के दूसरे व्याख्यान में डॉ आर एस शुक्ला, मुख्य वैज्ञानिक, सी यस आई आर, भावनगर ने अपना विचार रखा तथा अपने व्यख्यान के दौरान उन्होंने रुथेनिम कंप्लेक्सेस के विभीन्न महत्वों को बताया, यह भी बताया कि कैसे इसका उपयोग ऑक्सीकरण अभिक्रियाओं के लिए कर सकते हैं। इस सत्र में परिचय डॉ गीता सिंह द्वारा तथा धन्यवाद डॉ कमलेश द्वारा दिया गया। द्वितीय सत्र के व्याख्यान में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के प्रो0 कमान सिंह ने अपना व्याख्यान विश्लेषणात्मक तरीके के लिए विकास और मानकीकरण विषय पर दिया और विभिन्न महत्वों को विस्तार से बताया। इस सत्र में परिचय डॉ आलोक चौधरी तथा धन्यवाद डॉ संजीव कुमार झा द्वारा दिया गया।
कार्यक्रम में रसायन विभाग की अध्यक्ष प्रो० सुधा यादव एवम प्रो0 उमेश नाथ त्रिपाठी, सयोंजक, उपस्थित रहे और सत्र का संचालन डा एन पी सिंह द्वारा किया गया।