0 नगर सहित सभी खंडो मे आद्य सरसंघचालक प्रणाम कर पूर्ण गणवेश मे सवयंसेवको ने मनाया वर्ष प्रतिपदा उत्सव
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मिर्जापुर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मिर्जापुर नगर के तत्वावधान में वर्ष प्रतिपदा उत्सव एवं आद्य सरसंघचालक प्रणाम कार्यक्रम का आयोजन नगर के सिविल लाइन स्थित सिटी क्लब के सभागार में मंगलवार को किया गया।
घोष वादन के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक के साथ आद्य सरसंघचालक डाक्टर केशव राव बलिराम हेडगेवार जी को सामूहिक रूप से प्रणाम किया गया। तत्पश्चात भगवा ध्वज आरोहण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
मंचासीन मुख्य वक्ता सह प्रान्त कार्यवाह रासबिहारी लाल जी, विभाग संघचालक वरिष्ठ अधिवक्ता तिलकधारी जी एवं नगर संघचालक अशोक कुमार सोनी जी ने आद्य सरसंघचालक के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तदुपरान्त स्वयंसेवकों को सह प्रान्त कार्यवाह का पाथेय प्राप्त हुआ।
उद्बोधन के दौरान सह प्रान्त कार्यवाह रासबिहारी लाल जी ने कहाकि देश की शक्ति का आकलन समाज और संस्कृति से होता है और इसके आधार पर चलने वाला देश निरंतर मजबूती से आगे बढता है।
जिस भी देश ने समाज और संस्कृति की उपेक्षा की, वह अस्तित्वहीन हो गये। बताया कि सोवियत संघ 1917 मे बना और 1990 के पहले ही खत्म हो गया। इससे 15 देश अलग हो गये, क्योकि ये समाज और संस्कृति की ताकत नही खडी कर पाये। यदि सोवियत मे भी आरएसएस जैसा संगठन होता, तो शायद आज भी उसका अस्तित्व रहता।
सह प्रांत कार्यवाह ने कहाकि भारत का सौभाग्य है कि यहा समाज और संस्कृति की रक्षा के लिए आद्य सरसंघचालक ने आरएसएस की स्थापना की, जो निरंतर उस मार्ग पर चल रहा है। इस ध्येय पथ पर चलने के कारण ही संघ कार्यकर्ता निर्माण का कारखाना कहा जाता है, जहा साधारण को योग्य तो बनाया जाता है, किन्तु व्यक्ति को फेस नहीं बनाया जाता है और कार्यकर्ता आजन्म विचारधारा के पीछे चलता रहता है, जिसका एकमात्र मार्गदर्शक गुरू भगवा ध्वज है।
उन्होंने बताया कि चतुर्थ सरसंघचालक प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह ऊर्फ रज्जू भैया ने कहा था कि देश के संपूर्ण समस्याओं का एकमात्र समाधान प्रखर राष्ट्रवाद है। ऐसे सिद्धांत पर निरंतर चलने की प्रतिबद्धता और सोच के साथ स्वयंसेवक आगे बढ रहे है।
उन्होने कहाकि डाक्टर हेडगेवार जी ने स्वयं को स्थापित न कर, संगठन को सर्वोपरि रखा और आज यह दुनिया का सबसे बडा संगठन 80 देशो मे है और इसके 40 से अधिक आनुषंगिक संगठन है।
उन्होने कहाकि आद्य सरसंघचालक के जन्म दिवस एवं हिन्दू नववर्ष के अवसर पर हम हम सभी समाज को संघ से जोड़कर राष्ट्रवाद पैदा करने का संकल्प लें।
मुख्य वक्ता के पाथेय (उद्बोधन) के बाद संघ प्रार्थना एवं विकिर के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया।
इसके पूर्व विभु जी ने अमृत वचन और संजय सेठ ने एकल गीत पूर्ण करेंगे हम सब केशव वह साधना तुम्हारी, आत्म नमन से राष्ट्र देव के आराधना तुम्हारी का गायन किया।
इस अवसर पर आरएसएस काशी प्रान्त के प्रान्त सामाजिक सद्भाव प्रमुख शिवमूर्ति जी, जिला संघचालक शरद चंद्र उपाध्याय जी, प्रांत घोष प्रमुख मिलन जी, सह विभाग संघचालक धर्मराज जी, विभाग कार्यवाह सच्चिदानंद जी, विभाग प्रचारक प्रतोष जी, विभाग संपर्क प्रमुख केशव नाथ तिवारी जी, जिला कार्यवाह चंद्र मोहन जी, नगर प्रचारक राजेन्द्र जी प्रथम, सह जिला कार्यवाह नीरज जी, सुनील जी, सह नगर कार्यवाह शैलेश जी, नगर व्यवस्था प्रमुख विनोद जी, बालाजी, प्रदीप जी, विमलेश जी, सौमित्र वाजपेयी जी, अनिल जी, नीलेश जी, सभासद नीरज बैजू जी, सभासद अलंकार जायसवाल जी सहित भारी संख्या में स्वयंसेवक बंधु मौजूद रहे। कार्यक्रम संचालन व अतिथि परिचय नगर कार्यवाह लखन जी ने कराया एवं मुख्य शिक्षक नगर शारीरिक प्रमुख अखिलेश जी रहे। यह जानकारी नगर प्रचार प्रमुख विमलेश जी ने दी है।
नववर्ष प्रतिपदा पर स्वयंसेवको ने किया एकत्रीकरण
मीरजापुर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नरायनपुर खंड की ओर से हिंदू नववर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम स्वामी सत्यानंद सेवा प्रकल्प अदलहाट में धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम में संघ के संस्थापक डा. केशवराव बलिराम हेडगेवार का स्मरण किया गया। इसके पश्चात अमृत वचन, एकल गीत एवं बौद्धिक कार्यक्रम हुए। हर वर्ष हिन्दू नववर्ष को लेकर संघ की ओर से विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कुल 150 स्वयंसेवकों का पूर्ण गणवेश में एकत्रीकरण हुआ। आयोजन में बाल स्वयंसेवकों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया।
मुख्य वक्ता जिला प्रचारक चुनार कमलेश ने बताया कि भारतीय कैलेंडर विश्व की सबसे प्राचीन कालगणना है, जो लगभग दो अरब वर्ष पूर्व ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना के साथ प्रारंभ हुआ। भारत के कैलेण्डर को पंचांग नाम से जाना जाता है। पूर्णतया खगोल पर आधारित एवं वैज्ञानिक काल गणना है। हिन्दू परंपरा में जीवन के सभी कार्य एवं कार्यक्रम हमारे पंचांग के अनुसार होते हैं। जीवन से लेकर मरण तक एवं सभी शुभ अवसर मुहूर्त हों या वैवाहिक कार्यक्रम, पंचांग की तिथियों के अनुसार ही मनाए जाते हैं। उन्होंने स्वयं सेवकों को अनुशासन में रहते हुए समाज तथा राष्ट्र के लिए अपना योगदान देने को कहा।संपूर्ण कार्यक्रम में स्वयंसेवकों में अनुशासन देखने को मिला।
बताया कि संघ के लिए चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा विशेष दिन है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म एक अप्रैल 1889 को हुआ था। वह देशभक्त के साथ ही महान क्रांतिकारी भी थे। उन्होंने 1925 में विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। इस उत्सव में विभाग पर्यावरण गोविंद , जगदीश, रामसकल, मेवालाल, मुकेश, खण्ड प्रचारक हर्षित, प्रिंस, आलोक, आशु,अवनिंद्र, निखिल, संजय, जितेंद्र, अजय, विकास सहित अन्य अधिकारी एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे।