रिपोर्ट ब्यूरो गोरखपुर
गोरखपुर। शिक्षण संस्थानों का शैक्षिक वातावरण इस प्रकार का होना चाहिए, जिसमें शिक्षक को पूर्ण स्वायत्तता और अवसर मिले। वर्तमान की चुनौतियों के अनुरूप शिक्षक को तैयार होना होगा। शिक्षक ही शिक्षण संस्थानों का भविष्य तय करता है, इसलिए शिक्षक के सर्वांगीण विकास का यथासम्भव प्रयास होना चाहिए। नए शिक्षकों को यह विचार करना होगा कि वर्तमान सामाजिक एवं शैक्षिक चुनौतियों का सामना कैसे करें। इसके साथ ही शिक्षक को सदैव वर्क-लाइफ संतुलन बनाकर चलना चाहिए तभी शिक्षा के साथ-साथ परिवार और समाज के लिए भी योगदान कर सकते हैं। शिक्षक ही भविष्य के राष्ट्र के निर्माताओं के निर्माण करता है।
उक्त वक्तव्य दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के यूजीसी-एचआरडीसी केंद्र में चल रहे द्वितीय फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के समापन सत्र के मुख्य अतिथि रहे राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने दिया।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए एचआरडी सेंटर के निदेशक प्रो. रजनीकांत पाण्डेय ने कहा कि फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम से शिक्षकों के ज्ञान में वृद्धि होती है और नए शैक्षिक तकनीकी के बारे में जानकारी मिलती है। सामयिक परिवर्तनों के सापेक्ष नया प्रशिक्षण जरूरी होता है।
कोर्स समन्वयक प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि शिक्षक ही ज्ञान का निर्माण करता है। शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम से इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच का विकास होता है, जो आज के समय की माँग है।
आज जिसप्रकार से अंतर्विषयक उपागम का महत्व बढ़ रहा है, अभिमुखन कार्यक्रम और भी प्रासंगिक होंगे। सभी लोग यह अनुभव किए हैं कि 30 दिन चले इस फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के पश्चात काफी कुछ नया सीखने समझने को मिला, जिससे निःसंदेह सबके ।नज़रिए में एक बदलाव आएगा।
कार्यक्रम का संचालन एवं आभार ज्ञापन सह समन्वयक डॉ. मनीष कुमार पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम के प्रतिभागी रहे डॉ. छाया सिंह, डॉ. मदन मोहन सिंह, डॉ सरिता सिंह एवं डॉ निरंकार राम त्रिपाठी ने कोर्स को लेकर अपने अनुभव सांझा किए।
समापन में ऑफलाइन भी जुटे प्रतिभागी
एचआरडी सेंटर द्वारा फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम ऑनलाइन मोड में चलाया जा रहा था, किंतु समापन सत्र में स्थानीय प्रतिभागियों ने ऑफलाइन उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। प्रतिभागियों ने समापन के पश्चात निदेशक, समन्वयक, सह समन्वयक एवं अन्य स्टाफ का सम्मान कार्यक्रम भी किया।