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गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का जिले की 800 एएनएम ने लिया संकल्प

एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान बताई गईं स्वास्थ्य सेवा से जुड़ीं बारीकियाँ

संस्थागत प्रसव, टीकाकरण और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए मांगा सहयोग

रिपोर्ट ब्यूरो गोरखपुर

गोरखपुर। जिले की सभी एएनएम ने संकल्प लिया है कि वह अपने क्षेत्र की जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएंगी । मौका था बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में शुक्रवार को आयोजित एक दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यशाला का, जिसमें जिलाधिकारी विजय किरण आनंद और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे के आह्वान पर एएनएम ने बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने का भरोसा दिलाया । कार्यक्रम में 800 से अधिक एएनएम का क्षमतावर्धन किया गया और उनसे संस्थागत प्रसव, नियमित टीकाकरण (आरआई), कोविड टीकाकरण और राष्ट्रीय कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए सहयोग मांगा गया। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) की गुणवत्ता पर भी विस्तार से चर्चा हुई ।

कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी और सीएमओ ने सभी एएनएम से अपेक्षा की कि वह कार्यस्थल पर समय से उपस्थित हों और समुदाय के बीच एक कुशल नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाएं । समुदाय के साथ इतना घुलमिल कर कार्य करें कि प्रत्येक कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित हो सके । संस्थागत प्रसव बढ़ाया जाए । कोई भी बच्चा नियमित टीकाकरण से वंचित न हो । लोगों को कोविड के प्रति आगाह करें और टीकाकरण की महत्ता समझाते हुए कोविड टीके की दोनों डोज अवश्य लगवाएं । एएनएम से कहा गया कि वह निगरानी समितियों, ग्राम प्रधान, कोटेदार का सहयोग लेते हुए स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएं। अगर किसी भी प्रकार की दिक्कत आती है तो बताएं । कार्यक्रमों के आड़े आने वाली हर समस्या का समाधान किया जाएगा ।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ. नंद कुमार ने विभिन्न कार्यक्रमों में एएनएम को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के बारे में जानकारी दी । उन्होंने एएनएम के साथ संवाद किया और कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं में उनकी हर संभव मदद की जाएगी । जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने एएनएम को बताया कि संस्थागत प्रसव के 48 घंटे तक प्रसूता को स्वास्थ्य इकाई पर ही रखना है । जब वह घर चली जाती हैं तब भी 42 दिनों तक फॉलो अप करना है । उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को पहले से ही चिन्हित कर उचित परामर्श देना सुनिश्चित करें ।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी श्वेता पांडेय ने हाथ धुलने के सुमन के फार्मूले का डेमो करवाया । उन्होंने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, कन्या सुमंगला योजना, आयुष्मान भारत योजना के बारे में जानकारी दी और एएनएम से सहयोग की अपेक्षा की । बीसीपीएम अशोक कुमार पांडेय ने कन्या सुमंगला योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि इसका लाभ अधिकतम दो बच्चियों को मिल सकता है। अगर तीसरी बच्ची जुड़वा है तब भी लाभ मिलेगा ।

इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. गणेश यादव, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, यूनिसेफ के आरसी संदीप, डीएमसी नीलम यादव, डीएमसी हसन फईम, स्वास्थ्य विभाग से एसएन शुक्ला, आदिल प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

वीएचएसएनडी की गुणवत्ता पर चर्चा

कार्यक्रम के दौरान यूनिसेफ से पोषण विशेषज्ञ सुरेश तिवारी ने वीएचएसएनडी के बारे में प्रस्तुति दी और एएनएम से अपेक्षा की गयी कि यह सिर्फ आरआई सत्र बन कर न रह जाएं । वीएचएसएनडी में उत्सव जैसा माहौल होना चाहिए और इसका लाभ सभी संबंधित तक पहुंचना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर संदीप पाटिल ने टीकाकरण कार्यक्रम की चुनौतियों के बारे में चर्चा की । यूनिसेफ के डिवीजनल कोआर्डिनेटर विजेंद्र चौबे ने गृह आधारित शिशु देखभाल कार्यक्रम के बारे में बताया ।

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