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वाल्मीकिनगर:-ईको टूरिज्म के विकास होने से बाल्मिकीनगर को लोग और सम्मान की नजर से देखेंगे: मुख्यमंत्री

बगहा संवाददाता दिवाकर कुमार
वाल्मीकिनगर:-बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम चम्पारण जिले के बाल्मिकी नगर में ईको टूरिज्म विकास हेतु पर्यटन सुविधाओं का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जल संसाधन विभाग द्वारा दो सौ एकड़ भूमि का हस्तांतरण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को कार्यक्रम आयोजित कर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस ढंग से थारु समाज एवं उरांव समाज के लोगों ने यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया है, इसके लिए मैं आपलोगों को बधाई देता हूॅ। उन्होंने कहा कि बाल्मिकी नगर हम बहुत बार आए हैं और मुझे हर बार अद्भुत लगा है। बाल्मिकी नगर टाइगर रिजर्व के प्रति लोगों में एक आकर्षण है, यह अद्भुत जगह है। एक तरफ पर्वत है तो दूसरी तरफ गंडक नदी का बहाव है और साथ में जंगल की हरियाली भी, वास्तव में इससे सुंदर जगह कोई नहीं है। यहां की प्राकृतिक छटा अद्भुत है। ईको टूरिज्म की यहां काफी संभावना है, जिसे बढ़ावा देने के लिए हमलोग काम कर रहे हैं। अभी कार्यक्रम में बताया गया कि इस वर्ष 45 हजार पर्यटक आए थे। मुझे उम्मीद है कि ईको टूरिज्म का विस्तार होने से लाख से ज्यादा लोग यहां आएंगे। जब हम सरकार में आए थे तो उस वक्त यहां बाघों की संख्या 8 थी और आज बढ़कर 35 से ज्यादा हो गई है, यहां टाइगर की संख्या बढ़ रही है, जबकि नेपाल में टाइगर की संख्या कम होती जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बंटवारे के बाद यहां का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत से भी कम रह गया। हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए हरियाली मिशन की स्थापना की गई। साढ़े 22 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं। और हरित आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत हो गया है और इसे 17 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। मुख्ममंत्री ने कहा कि गंडक नदी के कटाव को रोकने के लिए काम किए जा रहे हैं और जल संसाधन विभाग के द्वारा किनारे-किनारे बराज तक सड़क निर्माण कराया जा रहा है ताकि पर्यटक आसानी से आ-जा सकें। जटाशंकर मंदिर के सामने वट का जो वृक्ष है, वह अपने जड़ से बगल के बने पाए को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, यह भी दर्शनीय है। मैंने कहा इसके साथ कोई छेड़छाड़ न करे ताकि लोग वृक्ष की ताकत को भी महसूस कर सकें। सोफा मंदिर के पास कटाव को रोकने के लिए चैनल बनाया गया। यहां का झूला भी अद्भुत है, इस तरह की व्यवस्था की जा रही है कि कौलेश्वर मंदिर से नाव से गंडक नदी में विहार किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बगल में जो पार्क बन रहा है, उसमें एक-एक चीज की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग के द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को 200 एकड़ जमीन का हस्तांतरण किया गया है। इससे ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने में काफी सहुलियत होगी। ईको टूरिज्म पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंतर्गत ही रहेगा। यहां एक कन्वेंशन सेंटर बनना चाहिए, इसमें पर्यटकों के आवास की सुविधा भी हो, कोई भी कार्यक्रम यहां कन्वेंशन सेंटर में लोग आकर कर सकते हैं और प्राकृतिक छटा का आनंद भी उठा सकते हैं। यहां एक बार कैबिनेट की बैठक भी होगी। समय का निर्धारण बाद में किया जाएगा। बाल्मिकी नगर को बिहार के लोग भी जानें और यहां आकर आनंद उठाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलने से लोग यहां आएंगे, घुमेंगे और जब जंगल को देखेंगे तो पर्यावरण के प्रति संवेदना विकसित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ से बचना चाहिए, इसका दुष्प्रभाव सभी लोगों पर पड़ता है। बिहार अभी सूखा से जूझ रहा है। यहां के 24 जिले में 275 प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। यहां पहले 1200 से 1500 मि0मी0 वर्षा होती थी, जो अब घटकर 900 मि0मी0 हो गई है। पहले बिहार में वर्षापात एक खासियत थी लेकिन अब यह चिंता का विषय हो गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में छठ पूजा मनाया गया है, यह सूर्य की उपासना का वास्तव में पर्यावरण की पूजा है। सूर्य की कृपा से ही सब कुछ संभव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जो पिछली पीढ़ी से पर्यावरण का स्वरुप मिला है, प्रकृति के उस स्वरुप की रक्षा करें और अगली पीढ़ी को उसे बेहतर स्वरुप में सौंपे। जलवायु परिवर्तन आज कल चिंता का विषय हो गया है, इससे निपटने के लिए ईको टूरिज्म को बढ़ावा देना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चंपारण के लिए गर्व की बात है कि गांधी जी के सत्याग्रह के 30 साल के बाद ही देश को आजादी मिल गयी। हमलोग गांधी जी का 150वां जन्म वर्ष मना रहे हैं। गांधी जी ने कहा था कि पृथ्वी आपकी जरुरत को पूरा करने में सक्षम है, आपकी लालच को नहीं। गांधी जी का पर्यावरण के प्रति इस कथन पर सभी लोगों को गौर करना चाहिए। सौर ऊर्जा ही वास्तविक ऊर्जा है। यह अक्षय ऊर्जा है, इसको बढ़ावा देने के लिए काम करने की जरुरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि थारु समाज के लोगों की मांग थी बगहा- 2 के अंतर्गत सिधाव गांव को प्रखंड मुख्यालय बनाया जाए, इसके लिए जल संसाधन विभाग ने 8 एकड़ जमीन दी है, यह काम भी जल्द हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ललभितिया गांव सनसेट (सूर्यास्त) देखने के लिए अद्भुत जगह है। बाल्मिकी नगर एवं आसपास के जगहों में पर्यटकों के लिए कई अद्भुत चीजे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल्मिकी नगर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलने से लोग इसे सम्मान की नजर से देखेंगे। यहां बाल्मिकी का आश्रम था इसलिए इसका नाम भैंसालोटन से बदलकर बाल्मिकी नगर किया गया। बाल्मिकी नगर को लोग बिहार और बिहार के बाहर के लोग भी जानेंगे, बिहार का यह सबसे खुबसूरत जगह है।
इसके पूर्व माननीय उप मुख्यमंत्री, श्री सुशील कुमार मोदी ने भी वाल्मीकिनगर के पर्यटन महत्व का विस्तार से वर्णन किया। उन्होने कहा कि वाल्मीकिनगर धीरे-धीरे इको टूरिज्म के रूप में विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण वाल्मीकिनगर व्याघ्र आरक्ष्य में अभी डेढ़ सौ पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था है जिसे बढ़ाने की कोशिश जारी है। उन्होंने कहा कि वीटीआर का रिवर फ्राॅट काफी रमणिक है। इस वन क्षेत्र को और सुसज्जित करने की कोशिश जारी है। उन्होंने घोषणा किया गया शीघ्र ही 12 शीट वाला दो बोट की आपूर्ति वन विभाग को की जायेगी। जटाशंकर मंदिर तक जाने हेतु ई-रिक्शा ले जाने की अनुमति पर्यटकों को दी जायेगी। वीटीआर में शनिवार एवं रविवार को पर्यटकों के मनोरंजन के फिल्म का प्रदर्शन एवं कलात्मक गतिविधियों को दिखाने की व्यवस्था करने की भी बात की गयी।
क्षेत्र निदेशक, वीटीआर, हेमकांत राय द्वारा बताया गया कि विगत वर्ष 45 लाख से अधिक पर्यटक वीटीआर में आये थे। इस पर माननीय उप मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन एवं वन विभाग को वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र में ऐसी व्यवस्था करने का निदेश दिया ताकि इस वर्ष पर्यटकों की संख्या लाख से उपर पहुंच जाय।
जिलाधिकारी, डाॅ0 निलेश रामचंद्र देवरे ने माननीय मंत्री महोदय को आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र को पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करने, पर्यटकों के अवासान की सुविधा विकसित करने एवं वाल्मीकिनगर की प्राकृतिक छटा को संवर्धित एवं संरक्षित करने का पूरा प्रयास करेगा।
वहीं जल संसाधन एवं वन एवं पर्यावरण मंत्री, ललन सिंह ने कहा कि वाल्मीकिनगर की प्राकृतिक छटा में पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है। वाल्मीकिनगर की प्राकृतिक सुंदरता का और संवर्धन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वाल्मीकिनगर व्याघ्र आरक्ष्य को पर्यटन नक्शे पर स्थापित करने हेतु जल संसाधन विभाग दो सौ एकड़ भूमि वन एवं पर्यावरण विभाग को शीघ्र ही स्थानांतरित कर देगा।
मुख्यमंत्री का स्वागत प्रतीक चिह्न भेंटकर किया गया। मुख्यमंत्री के समक्ष थारु एवं उरांव जनजाति के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर वैकल्पिक आजीविका संवर्द्धन कार्यक्रम के तहत लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया और निर्देश देते हुए कहा कि यहां हमेशा शॉल वगैरह के स्टाल लगाए जाएं ताकि पर्यटक यहां के चीजों को खरीद सकें। वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र में घूमने वाले साइकिल सवारियों को हरी जंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने बच्चे को पोलियो का ड्रॉप भी पिलाया। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी संबोधित किया। वाल्मिकी नगर प्रवास के दौरान आज प्रातः मुख्यमंत्री ने बाल्मिकी नगर व्याघ्र परियोजना क्षेत्र का परिभ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने कौलेश्वर मंदिर का भी दर्शन किया। गंडक के किनारे कटाव को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण भी किया। ईको टूरिज्म को विकसित करने के लिए कई बिंदुओं पर पदाधिकारियों को निर्देश दिया। कौलेश्वर हाथी सेंटर में जाकर मुख्यमंत्री ने हाथी सेक्टर में अपने हाथों से हाथी को केले का प्रसाद खिलाया और हाथी ने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद भी दिया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी यहां पर पहले से टूरिज्म के लिए काफी व्यवस्था की गई है, जैसे कॉटेज बनाया गया है, उसमें ऑनलाइन बुकिंग होती है और लोग उसमें भरे रहते हैं। उन्होंने कहा कि यहां टूरिज्म को व्यापक स्वरुप प्रदान किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग यहां आकर भ्रमण कर सकें। इससे काफी प्रसन्नता होगी और लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ेगी। यहां टाइगर की पूरी रक्षा की जा रही है। हमारे कार्यकाल में टाइगर की संख्या में 8 से बढ़कर 35 हो गई है और इसकी संख्या बढ़ भी सकती है। टाइगर की गणना में कई चीजों का ध्यान रखा जाता है। पटना से बाल्मिकी नगर सीधी बस सेवा को प्रारंभ करने के संबंध में उन्होंने कहा कि बगहा से बाल्मिकी नगर के बीच में सड़क निर्माण कराया जा रहा है, कुछ कार्य अभी बाकी है। सड़क निर्माण का कार्य जैसे ही पूर्ण हो जाएगा तो आवागमन में लोगों को और भी सुविधाएं होंगी। मुख्यमंत्री ने कौलेश्वर हाथी सेंटर क्षेत्र में ही रुद्राक्ष का पौधा भी लगाया।इस अवसर पर सांसद सतीश चंद्र दुबे, रामनगर विधायिका भागीरथी देवी,वाल्मीकिनगर विधायक रिंकु सिंह, अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, जल संसाधन सह पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डी0के0 शुक्ला सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण, थारु एवं उरांव जनजाति के कलाकारों सहित तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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