फरीदाबाद: वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाईजेशन द्वारा कोरोना महामारी के दौरान भारत में हुई मौतों के जारी किए गए आंकड़ों ने केंद्र की मोदी सरकार पर सवालिया निशान लगा दिया है। डब्ल्यूएचओ के जो आंकड़े प्रस्तुत किए है,उसमें कोरोना महामारी में अनेकानेक लोगों ने अपनी जान गंवाई लेकिन सरकार ने गलत आंकड़े पेश करके जनता को गुमराह किया। युवा कांग्रेस (शहरी ) के जिला अध्यक्ष नितिन सिंगला ने केंद्र की मोदी सरकार पर गलत आंकड़े प्रस्तुत कर जनता की भावनाओं से खेलने का आरोप लगाया है।
उन्होंने डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत मे कोरोना से 47 लाख भारतीयों की मौत हुई, न कि भारत सरकार के मुताबिक 4.8 लाख लोगों की। डब्ल्यूएचओ द्वारा जो आंकड़े जारी किए गए है वो सत्य है और मोदी सरकार के झूठ का प्रदाफाश करने वाले है। नितिन सिंगला ने कहा कि अपनी नाकामी को छुपाने के लिए सरकार डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोनो महामारी से भारत में हुई मृत्यु को लेकर जारी किए गए वैज्ञानिक तरीके से एकत्रित किए गए प्रमाणित आंकड़ों को गलत करार दे रही है जबकि डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी आंकड़े बिल्कुल सही और सटीक है । उन्होंने कहा कि आंकड़ो को छपने से रोकने और झूठ बोलने से सच्चाई दूर नहीं की जा सकती ।
आज केंद्र सरकार को देश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की आवश्यकता है ना कि अपनी नाकामी को छुपाने के लिए आंकड़े छुपाने की। नितिन सिंगला ने कहा कि सम्पूर्ण देश कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भयावह मंजर था जब कोरोना के कारण मरने से नदी किनारे लाशों के ढेर लगे हुए थे और उन लाशों को कुत्ते नोच-नोच के कहा रहे थे लेकिन उन लाशों का कोई अंतिम संस्कार करने वाला नहीं था । उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान हजारों लोगों की मृत्यु ऑक्सीजन एवम डॉक्टरों की कमी के कारण हुई थी सीधे तौर पर उसके जिम्मेदार सता में बैठे हुए लोग है जो अपने लग्जरी बंगलो में बैठकर सता का सुख तो भोग रहे है लेकिन भारत के नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं करवा पा रहे है जिसकी वजह से दुनियाभर में भारत को शर्मशार होना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को गलत आंकड़े पेश करने पर जहां देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए वहीं कोरोना महामारी में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है सरकार को चाहिए कि उनको अधिक से अधिक मुआवजा दिया जाना चाहिए।