फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद:यह सिद्धबाबा का आश्रम है। सिद्धदाता आश्रम है। यहां पर आने वालों के लिए सबकुछ संभव है। यह बात हैदराबाद से आए चिन्ना जीयर स्वामी ने कही। उन्हें रामानुज संप्रदाय में परमाचार्य की उपाधि प्राप्त है। उन्होंने कहा कि श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में स्थित भगवान अब युवा हो गए हैं। वह पहले से भी अधिक कृपाएं प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि भगवान अब तक आपको धर्म चतुष्टय प्रदान कर रहे थे,लेकिन अब हर कामना को पूर्ण करेंगे। विनम्रता मूर्ति चिन्ना जीयर स्वामी ने कहा कि मैं तो बहुत छोटा हूं। ज्ञान में, धन में। लेकिन मेरे गुरु ने मुझे भगवान नाम की अमोलक निधि प्रदान की।
उन्होंने कहा कि स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज से मैं वर्षों पहले मिला था। उनकी एक बात ने मुझे उनके सामने नतमस्तक कर दिया था। तब मंदिर निर्माण चल रहा था। मैंने उनसे पूछा कि इतना मारबल किसलिए मंगाए हो स्वामी जी। वह बोले,एक आदमी अपनी बीवी के लिए ताजमहल बना सकता है तो मैं अपने भगवान के लिए एक मंदिर नहीं बना सकता क्या। जीयर ने कहा कि वह परम वैभवशाली संत थे लेकिन मुझे उनके वैभव के बारे में तब तक पता नहीं था।
आप लोग उनके वैभव को,ज्ञान को, शिक्षाओं को जनता में प्रदर्शित करो,फैलाओ। चिन्ना जीयर स्वामी ने कहा कि सिद्धदाता आश्रम में आने वालों को धर्मचतुष्टय की प्राप्ति होती रहेगी। उन्होंने कहा कि अपने गुरु की कीर्ति को फैलाओ। सब मिलकर धर्म मार्ग का प्रचार करो। हम सब साथी बनकर गुरु के गुणों को प्रचारित करो। उन्होंने युवराज स्वामी अनिरुद्ध रामानुज दास को भी आशीर्वाद प्रदान किया। इससे पहले उनके यहां पहुंचने पर श्री सिद्धदाता आश्रम एवं श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम के अधिष्ठाता जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमें परम श्रद्धेय चिन्ना जीयर स्वामी जी का आशीर्वाद सदैव प्राप्त होता रहा है। भविष्य में भी उनका मंगला शासन हमें प्राप्त होता रहेगा। इसके लिए हम हमेशा प्रार्थी हैं। उन्होंने हैदराबाद में 216 फीट ऊंची भाष्यकार रामानुज स्वामी जी मूर्ति स्थापित कर सभी वैष्णव भक्तों पर अपार कृपा की है। हम उनके ऋणी हैं।