Breaking News

खराब जीवनशैली के कारण कम उम्र में बढ़ रहा हृदय रोगों का खतरा:डॉ.गजिंदर कुमार गोयल

 

फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट

फरीदाबाद:मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद से कार्डियोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ.गजिंदर कुमार गोयल ने कहा कि आजकल कम उम्र के लोगों में भी हृदय रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। एक महीने में ओपीडी में हृदय रोग के लगभग 1000 मरीज आते हैं जिनमें सबसे ज्यादा मरीज 30-60 उम्र वर्ग के होते हैं। अधिकतर लोगों में जीवनशैली से जुड़ी हृदय समस्याएं देखने को मिलती हैं। आज कोरोनरी आर्टरी डिजीज,हार्ट फेल,हार्ट वॉल्व डिजीज और जन्म से बच्चों के हृदय में छेद एवं वॉल्व की बीमारी बहुत आम हो गई हैं।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज हृदय की तीन मुख्य धमनियां में रुकावट के कारण होती है। यह बीमारी 20 वर्ष से अधिक आयु के 5-7 प्रतिशत युवा लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है। धमनियों में ब्लॉकेज का खतरा भी बहुत आम बनता जा रहा है। इसका मुख्य कारण व्यायाम न करना,असंतुलित भोजन का सेवन,हाई ब्लड प्रेशर,हाई शुगर,बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल,धूम्रपान,मदिरापान,मोटापा,मानसिक तनाव और खराब जीवनशैली आदि हैं। हृदय रोगों का खतरा महिला-पुरुष दोनों में हो सकता है।

हर व्यक्ति का हृदय अलग होता है इसलिए हृदय रोग के लक्षण भी हर व्यक्ति में भिन्न देखने को मिलते हैं। सामान्य तौर पर छाती के दाई, बाई या बीच वाले हिस्से में भारीपन,पसीना ज्यादा आना,घबराहट होना और सांस लेने में परेशानी होती है,ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। इसके लिए अस्पताल में जाकर तुरंत ईसीजी कराएं।

अगर इसमें हार्ट अटैक का पता चलता है तो बिना समय व्यर्थ करे इसका इलाज शुरू कराएं। अगर किसी कारणवश हार्ट अटैक पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल पहुचाने में समय ज्यादा लगता है तो इस स्थिति आप मरीज को फर्स्ट ऐड के तौर पर एस्पिरिन या डिस्प्रिन का एक टेबलेट दे सकते हैं या फिर मरीज की जीभ के नीचे सॉर्बिट्रेट 5 mg का एक टेबलेट रख सकते हैं,इससे मरीज को काफी आराम मिल जाता है और फिर उसे अस्पताल भी पहुंचाया जा सकता है।

इसके अलावा अगर मरीज को कार्डियक अरेस्ट हो तो मरीज को कार्डियक मसाज देने से भी काफी हद तक राहत मिल जाती है। डॉ.गजिंदर कुमार गोयल ने कहा कि हृदय से संबंधित किसी प्रकार की समस्या को नजरदाज न करें। तुरंत डॉक्टर से परामर्श करने का प्रयास करें। बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में सुबह के समय पैदल चलना,जॉगिंग और व्यायाम करना आदि शामिल करें।

सैचुरेटेड फैट और रिफाइंड शुगर से निर्मित पदार्थों के सेवन से दूर रहें क्योंकि इनसे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि होती है जो हृदय के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक है। फास्ट फूड या जंक फ़ूड की बजाय घर में बने संतुलित भोजन का सेवन बहुत ही लाभदायक होता है। हाई ब्लड प्रेशर,हाई शुगर,बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल,धूम्रपान और मदिरापान को नियंत्रित कर हृदय रोगों के 80 फीसदी जोखिम को कम किया जा सकता है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए सब्जियां और फल,बीन्‍स या अन्‍य फलिया, लीन मीट और मछल,कम-वसा या वसा रहित दुग्ध आहार का सेवन करें,इनके सेवन से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल में सुधार करने और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

नमक का सेवन कम करें और मानसिक तनाव लेने से बचें। ब्लड प्रेशर,शुगर,कोलेस्ट्रॉल साइलेंट किलर होते हैं इसलिए इसका पता लगाने के लिए हर 1-2 साल बाद इनका चेकअप जरूर कराना चाहिए।

About IBN NEWS

It's a online news channel.

Check Also

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वभर में बढ़ाई भारत की साख:कृष्णपाल गुर्जर

  फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट फरीदाबाद:भाजपा के लोकसभा संयोजक अजय गौड़ के संयोजन में …