फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद:अमर शहीद राजा नाहर सिंह के जन्म दिवस पर आज बल्लभगढ़ के दशहरा मैदान में उनके स्मारक पर नाहर सिंह मैमोरियल सोसायटी द्वारा आज उनका जन्म दिवस मनाया गया। इस मौके पर सत्यवीर डागर के संयोजन में स्थापित उनकी प्रतिमा पर संस्था के लोगों ने माल्यार्पण किया और इंद्रप्रस्थ स्थित गुरुकुल के आचार्य ऋषिपाल द्वारा हवन यज्ञ किया, जिसमें श्री डागर सहित गणमान्य लोगों ने अपनी आहूर्ति डाली और अपने राजा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस स्मारक का हाल ही में गुजरात के राज्यपाल देवव्रत आचार्य ने उद्घाटन किया था।
इस अवसर पर अपने शहीद राजा नाहर सिंह को याद करते हुए सत्यवीर डागर ने कहा कि राजा नाहर सिंह के बलिदान की जीवन गाथा जन-जन तक पहुंचनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को यह पता लग सके कि देश के इन महान सपूतों ने किस प्रकार से अपनी कुर्बानी देकर देश को आजादी दिलाई थी। उन्होंने कहा कि छोटी सी उम्र में राज गद्दी संभालने वाले राजा नाहर सिंह ने जिस प्रकार दिल्ली पर अंग्रेजों के कब्जे को लंबे समय तक रोके रखा।
अंग्रेजों ने धोखे से दिल्ली के चांदनी चौक पर उनको फांसी पर लटका दिया। राजा नाहर सिंह चाहते तो उस समय अंग्रेजों से समझौता कर अपना जीवन बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने झुकने के बजाए अपना बलिदान देना उचित समझा। आचार्य ऋषिपाल ने कहा कि राजा नाहर सिंह के बलिदान से हमें सीख लेनी चाहिए और अपने राजा की जीवनी को जगह-जगह बताना चाहिए,जिससे कि युवा पीढी में उसका प्रचार हो,वहीं युवा आगे इस बात तो जाने कि उनके राजा ने आजादी के लिए कैसे जुल्म झेले थे,जिस कारण हम आज आजादी की सांस ले रहे है।
मास्टर मोहनलाल आर्य,नरवीर तेवतिया,अमीचंद चौहान ने कहा कि शहीद किसी जाति धर्म का नहीं बल्कि सर्व समाज का होता है और राजा नाहर सिंह एक ऐसे योद्धा थे,जिन्होंने अपने पराक्रम के बल पर मुगलों को चने चबाने को मजबूर कर दिया था। उन्होंने सरकार से मांग की है कि राजा नाहर सिंह की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करें।
इस मौके पर मास्टर मोहनलाल आर्य,अमीचंद चौहान,शिवराम डागर,नरवीर तेवतिया,मुकेश रावत,समुन्द्र भांखल,मकंरद शर्मा,युधिष्ठर बेनीवाल,बॉबी डागर,देवीराम,अमर सिंह मलिक,मास्टर लिखीराम रावत, रविन्द्र चौहान,प्रदीप डागर,लक्ष्य डागर,दलीप सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।