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गड्ढा मुक्त शहर: डी0एम0 को दिखा दिया ठेंगा…

राकेश पाण्डेय ब्यूरो रिपोर्ट गाजीपुर

गड्ढा मुक्त शहर: डी0एम0 को दिखा दिया ठेंगा पी0एम0,एम0एल0सी0 व एल0जी0 के दुलारे विनोद अग्रवाल के शहर में बह रह रही भ्रष्टाचार की सरिता

गाजीपुर: नवरात्र के बाद छठ के मौके पर नगर क्षेत्र की मुख्य सड़को व गलियों को गड्ढा मुक्त करने के लिये जिलाधिकारी की ओर से नगर पालिका प्रशासन को दिये गये निर्देश का पालिका प्रशासन बेखौफ मजाक बना रहा हैं। हालात यह है कि छठ का त्योहार भी बीत गया लेकिन नगर की मुख्य गलियॉ व मार्ग अभी भी अपनी बदहाली पर ऑसू बहा रहा हैं। हालात इतने बदतर है कि उत्तर प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता के शहर स्थित आवास के सामने भी गन्दा पानी बह रहा है और सड़क के गडढे जिलाधिकारी व सरकार को मुॅह चिढ़ा रहे हैं।

चार सालों में आधा दर्जन से अधिक प्लाटो के मालिक हुये पालिका अध्यक्ष के पति

 

बताया जाता है कि नगर पालिका की मौजूद अध्यक्ष सरिता अग्रवाल के पति विनोद अग्रवाल पूर्व से ही दलहन व तेल के कारोबारी रहे है और जबसे पत्नी अध्यक्ष हुई है अपनी सीडी 100 बाइक की जगह इनोवा से चलते है। अध्यक्ष का पति होने के नाते जब प्रधानमंत्री भी गाजीपुर आते है तो विनोद जी ही इनकी अगवानी भी करते है और हाथ भी मिलाते है। सत्ता का जलवा यह है कि कुछ दिनो में व्यापारी से नेता बने शराब माफिया शंकर सिंह के दामाद विशाल सिंह चंचल ने भी इनको शहर क्षेत्र का प्रतिनिधि बना रखा है। विनोद जी हालत यह है कि यह मोदी जी के सतत विकास के सपने को साकार करते हुए नगर क्षेत्र में सात प्लाटो की रजिस्ट्री कराने में कामयाब रहे जबकि अभी पॉंच साल का ही कार्यकाल इनकी पत्नी पूरा नही कर पायी। उम्मीद है कि विनोद जी जल्द ही एक दर्जन प्लाटो के मालिक हो जायेगें।

पी0एम0 से हाथ मिलाने वाले पति की पत्नी क्यों नही रहेगी बेखौफ

 

प्रधानमंत्री ही नही मुख्यमंत्री के खास कहे जाने वाले चंचल जी के साथ पूर्व में गाजीपुर के विकास पुरूष रहे और मौजूदा में जम्मू के विकास पुरूष बन गये मनोज सिन्हा के भी अति करीबी हैं क्यों कि मनोज सिन्हा के आर्शीवाद से ही विनोद जी व्यापारी से पालिका अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब रहे। इतना ताकतवर नेता एक मामूली जिलाधिकारी आर्यका अखौरी के निर्देश को ठेंगे पर क्यों नही रखेगा। हालाकिं जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि छठ पर्व के पूर्व नगर क्षेत्र के मुख्य मार्ग को व गलियों को हर हाल में गडढामुक्त कर दिया जाय। लेकिन हालात यह है कि पूर्व से ही बेहतर महुआबाग, कचहरी, लंका व सिकन्दपुर मार्ग के नाम गडढामुक्ति का प्लान बनाकर कोरम अदायगी का काम कर दिया गया जो सड़क पहले से ही ठीक थी। पूरे 700 मीटर की गडढा मुक्ति अभियान में पालिका की ओर से 5 पैच भरे गये जिसमे एक आदर्श इण्टर कालेज के सामने, दूसरा रेलवे टेªनिंग सेन्टर के सामने और तीसरा कचहरी इलाके में।

सरकार के महाधिवक्ता भी मजबूर घर के बाहर बहता है गन्दा पानी और सड़क पर गड्ढा

 

बदतर हालात तो शहर का हृदय कहे जाने वाले महुआबाग इलाके का है जहंा से निकलने वाले मुख्य सड़क बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से पहाड़ खॉ होते हुए सकलेनबाद होते हुए दुर्गाचौक पर निकलती है जो आगे चलकर रोडवेज से रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाले मार्ग को जोड़ती है। इस सड़क से दिन में पॉच हजार से अधिक लोग पैदल व दस हजार से अधिक छोटे बड़े वाहन साइकिल व टोटो गुजरते हैं। इसी मार्ग पर सरकार के महाधिवक्ता अजीत सिंह का भी मकान हैं। बावजूद इसके नगरपालिका प्रशासन इस सड़क पर नजरे इनायत करने के बजाय लम्बी सड़क को गडढा मुक्त करने की आड़ में मॉ लक्ष्मी का आर्शीवाद प्राप्त करने का कुचक्र रच रही है।

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