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बीगोद-रामलीला के सातवें दिन हनुमान द्वारा लंका दहन, हनुमान द्वारा अक्षय का वध , राम विभीषण मिलन , हनुमान जी अपनी शक्ति का आभास कराना

इस दौरान रावण के दरबार में नृत्यंगनाओ द्वारा नृत्य करना

बीगोद– कस्बे के बालाजी चौक में रामलीला के सातवें दिन हनुमान द्वारा लंका दहन, अक्षय का वध, राम विभीषण का मिलन, हनुमान को शक्ति का आभास कराना, रावण के दरबार में नृत्य अंगों द्वारा नृत्य मे
लीन आदि का वर्णन किया गया। लंका में सीता जी का पता लगाते लगते जब हनुमान लंका पहुंचे तो अशोक वाटिका में माता सीता को देख प्रभु श्री राम की निशानी दी। फिर अशोक वाटिका में फल खाकर व पेड़ों को तोड़ते हैं देख रावण के सैनिक हनुमान को बंधक बनाकर रावण के सामने पेश किया रावण ने पूछ में आग लगाने का आदेश दिया पूछ में आग लगते ही हनुमान ने लंका में आग लगा दी। रामायण में पवन पुत्र हनुमान ने अपनी पूछ से रावण की सोने की लंका को जलाया जिस दौरान लंका का दहन हुआ। लंका जलाने के पीछे लंकापति रावण के दरबार में ले जाकर मेघनाथ में हनुमान जी को खड़ा कर दिया और कहा पिता श्री अशोक वाटिका को तहस-नहस और अनेक महाबली राक्षसों को मारने वाला यही वानर है यह बड़ा उत्पाती और बलशाली है बड़ी मुश्किल इस पर नियंत्रण कर पाया हूं यह अपने आप को राम का दूत कहता है राम का दूत पर रावण ने क्रोध भरकर अपने हाथ को सिहाशासन के हत्थे पर पटकते हुए उठ खड़ा हुआ और जोर से चीखा।प्रहस्त यह वानर इतने विशाल सागर को पार करके यहां कैसे आ गया यह वास्तव में कौन है और मेरी अशोक वाटिका में किस तरह पहुंच गया इसके यहां आने का उद्देश्य क्या है इसने अशोक वाटिका को ध्वस्त कर दिया और मेरे आने की वजह क्या इसका उद्देश्य क्या है इस बीज हनुमान जी बड़े गौर से रावण की सभा को देख रहे थे रावण के चीखने पर की दृष्टि रावण पर गई रावण के शरीर सा काला था उसका मस्तक पड़ा था एक अंगार बरसा रही थी उसका वक्ष विशाल का और शरीर के अंग प्रत्यंग बलिष्ठ है उनकी आवाज से मेघनाथ हुई हनुमान जी ने सुना शिव का बड़ा भक्त और प्रखंड विद्वान था संपूर्ण शास्त्र और वेद का उसे पूर्ण ज्ञान था वह विशाल और भव्य शासन के सामने खड़ा था। रावण ने पूछा हनुमान किस उद्देश्य से यहां आए हो तुम ने लंका में जो उत्पात मचाया उसका कारण क्या है हनुमान जी ने भगवान श्री राम का मन में स्मरण किया निर्भयता के साथ कहां है लंकापति रावण मैं उन श्रीराम का दूत तो राम की धर्मपत्नी को तू छल पूर्व हर लाया है। क्या तुझे अपनी मृत्यु का भय नहीं है बाली ने तुझे अपनी बगल में दबा कर रखा हुआ था उसी बाली को श्रीराम ने पल भर में मार डाला तूने जान नहीं जानता है मैं साथ-साथ विष्णु के अवतार हैं उसी इस धरती पर राक्षसों का भार कम करने के लिए अयोध्या पति महाराज दशरथ के पुत्र रूप में जन्मे। साथ ही अक्षय कुमार लंका के सबसे छोटे राजकुमार थे जो रावण और मंदोदरी के सबसे छोटे पुत्र वह मेघनाथ के सगे भाई थे हनुमान माता-पिता से मिलने के बाद अशोक वाटिका को बस में करने लग गए थे तथा वहां के सेनापति को भी पराजित कर दिया था तब रावण ने अपने सबसे छोटे पुत्र अक्षय कुमार को हनुमान से युद्ध करने तथा उन्हें बंदी बना ने भेजा था अक्षय कुमार ने अपने पिता की आज्ञा पाकर हनुमान से भयंकर युद्ध किया । जिसमें अक्षय कुमार मारा गया। रामायण के दौरान श्री राम विभीषण मिलन हुआ जिस दौरान रावण के बारे मे बताया उस दौरान शक्ति बाण से लक्ष्मण मूर्छित हुए रामलीला में विभीषण का भगवान राम की शरण में आना भगवान राम द्वारा समुद्र पर पुल बनवाना और लक्ष्मण को मूर्छित होने का मंचन भी किया गया। फिर जब हनुमान जी को श्री राम का कार्य करना था सो जामवंत जी का हनुमान जी के साथ लंबा समाज होता है इस सवाल में वह हनुमान जी गुणों का बखान करते हैं और तब हनुमान जी को अपनी शक्तियों का आभास होने लगता है अपनी शक्तियों का बास होते ही हनुमान जी विराट रूप धारण करते हुए समुद्र को पार करने के लिए उड जाते हैं। रामलीला के दौरान मंच मे ग्रामीण लोग भाव विभोर होकर आनंद ले रहे। इस दौरान कलाकार माधव लाल कीर ,सत्यनारायण सोडाणी ,भेरूलाल सेन, श्याम लाल सुथार ,दुर्गा शंकर नायक, सोनू वैष्णव, सत्यनारायण तेली ,सुरेश सोनी, देवीलाल बेरवा, अर्जुन सोनी ,देवीलाल कुमावत, हेमराज सुथार, अविनाश सुथार ,प्रहलाद बेरवा, बाल कलाकार आदि थे।
( फोटो कैप्सन– 1-हनुमानजी लंका मे आग लगाते
2- मेघनाद हनुमान को बंधी बनाकर रावण दरबार में लाते
3- राम लीला के दौरान मौजूद ग्रामीण)
फोट़ो–प्रमोद कुमार गर्ग

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