कथा में जैसे ही कृष्ण जन्म प्रसंग आया पूरा पांडाल हाथी घोड़ा पालकी जय कारों से गूंज उठा
बीगोद– अमर ज्ञान निरंजन जी आश्रम महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज नए मानपुरा बिजासन माता शक्तिपीठ बारह खेड़ा के तत्वाधान में भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव के दौरान मंगलवार को अपार धन सभा में अपने संबोधन में श्री कृष्ण प्रसंग सुनाते हुए कृष्ण जी बाल लीला का वर्णन करते हुए कंस के अत्याचारों के कारण उसने अभिमान और अनीति पूर्वक राज करने के लिए अपने पिता उग्रसेन को बंदी बना लिया था आकाशवाणी से अपनी भावी मृत्यु का संकेत पाकर उसने अपनी बहन देवकी वह बहनोई वासुदेव को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया वहां एक-एक कर छह पुत्रों की हत्या कर दी सातवें गर्भ मैं खुद शेषनाग के आने पर योग माया ने उनके देवकी के गर्भ से निकालकर वासुदेव पहली पत्नी रोहिणी के गर्भ में स्थापित कर दिया भगवान ने आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया इस दौरान बालकृष्ण कंस के कारागार से नंद बाबा के घर जाने की झांकी प्रस्तुत की उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी को रात्रि 12:00 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ भगवान कृष्ण ने संसार को अंधेरे से प्रकाश में लाने के लिए जन्म लिया है
और अज्ञान रूपी अंधकार को ज्ञान रूपी प्रकाश से दूर किया जब-जब धर्म की हानि इस एकता के भंग होने पर हुई है भगवान अवतार लेकर पुन स्थापित किया गया है सभी मानव के मान्यता से अभी सिद्धि हो सकते हैं आत्मीयता से नहीं हम एक हैं हम एक हैं और एक रहेंगे यह युवकों का सत्य है शरीर के अंग प्रथक होकर भी एक है सृष्टि के जीव भिन्न-भिन्न होकर अभिन्न है क्योंकि उसका सृष्टि एक है कृष्ण श्री कृष्ण के जन्मोत्सव वह राम जन्मोत्सव पर भक्तों ने भाव विभोर होकर नृत्य कियात् भगवान के जन्म पर झूमते नजर आए।वृंदावन के पंडित जी मैं ग्राम आचार्य नरेश जोशी वैदिक मंत्रों का जप हुआ।
(फोटो कैप्शन- कृष्ण जन्मोत्सव पर झूमते भजन पंडाल में नृत्य करती महिलाएं)
फोटो प्रमोद कुमार गर्ग