राकेश की रिपोर्ट
गाजीपुर: मोहर्रम के तीसरी रात को शहर के बरबरहना इलाके में मौजूद डा0 आजम कादिरी के आवास पर सैकड़ों की तादाद में जुटे मुसलमान युवकों ने घोड़ा निकाला। इस दौरान कई घण्टे मातम का दौर चलता रहा। देर रात तक कार्यक्रम चलने के बाद समाज के लोगो ने हजरत इमाम हुसैन की शहादत में इस दिन को याद किया। आयोजनकर्ता डा0 कादिरी ने कहा कि हिन्दू मुसलमान भाई भाई बाबा की सरकारी भी जिन्दाबाद। त्योहार के हर मौके पर सरकार मुस्लिम समुदाय का भरपूर सहयोग कर रही है जिससे इतने बड़े आयोजन में कोई परेशानी नही होती।
जनपद के कई इलाकों में मुसलमान बस्तियाॅ मौजूद है। बड़े गांव में भी मुसलमानों की अच्छी आबादी भी है। इसके साथ-साथ शहर के कई इलाको में बड़ी मस्जिदे व इमामबाड़े भी मोहर्रम की इस महीने में तीसरी मोहर्रम का घोड़ा डा0 आजम के आवास से निकलता है और पिछले तीस सालों से इस मौके पर जुटने वाली कई दर्जन अंजुमनों के साथ-साथ जिले भर से मातम करने पहुंचे युवकों का सारा इंतजाम यही परिवार करता है। कार्यक्रम रात्रि को 12 बजे से शुरू होकर सुबह 4 बजे तक चलता हैं इस दौरान लगातार चलने वाले मातम से शहर में गम का माहौल पसर जाता है। कार्यक्रम के आयोजक लम्बे समय से निर्विवाद इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे है जिसमे जिला प्रशासन व अन्य समाज के लोग भी भरपूर सहयोग करते है।
कार्यक्रम के आयोजक डा0 आजम कादिरी ने बताया कि यह आयोजन हुसैन की याद में होता है और इसमे शामिल होने वाला हर व्यक्ति गम व दुखो से भरे उस यादों को याद करके अपना दुख जाहिर करता है। शहर में दस दिन यह कार्यक्रम चलता है जो 29 जुलाई को खत्म हो जायेगा। डा0 कादिरी ने बताया कि यह महीना इस्लाम धर्म के लोगों के लिये बहुत ही पवित्र है।
मोहम्मद साहब के छोटे नवासे की शहादत मोहर्रम महीने के दसवीं तारीख को हुई है जो अन्तिम दिन ताजिया निकालने और उसे दफन करने के बाद समाप्त होगा। उन्होनें कहा कि मोहर्रम के इस गमजदा मौके पर जिले भर के हिन्दू व अन्य समाज के लोग पूरी तरीके से कंधा से कंधा मिलाकर मुसलमानो का इस्तकबाल करते है और प्रदेश सरकार भी हम लोगो के हर त्योहार को कानून व्यवस्था बनाने के लिये चैकस रहती है। जिससे आम मुसलमानों में खुशी व विश्वास जगा है। हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई है।