रिपोर्ट विकास चन्द्र अग्रहरि ब्यूरो चीफ मीरजापुर l
*मीरजापुर*
लगभग 300 करोड के बजट की ये परियोजना यदि उस समय हो जाती पर नहीं होने के कारण 300 करोड की योजना साढे तीन हजार करोड लगाने के बाद पूरी हो पाई है। यह पुरानी सरकारों का गुनाह है। यह आपके हक को वंचित रखा गया।
जो लोग आजकल किसानों के लिए घडियाली आंसू बहाते हैं उनसे पूछे कि क्यों उन्हें अपने शासनकाल में देश भर में फैली इस तरह की परियोजनाएं नजर नहीं आईं। हर राज्य में ऐसे कई किसानों की भलाई के प्रोजेक्ट लटके हैं।
मैं आज आपसे कुछ मांगना चाहता हूं? क्या आप मुझे देंगे? वायदा निभाएगे? अब आपके पास पानी पहुंच रहा है। जिन किसानों को यह सुविधा मिल रही है, क्या वो लोग टपक सिंचाई, फव्वारे वाली सिंचाई और बूंद बूंद पानी बचाने की दिशा में काम कर सकते हैं?
आप वायदा कीजिए कि यह पानी आपके लिए देवी का प्रसाद है। जैसे प्रसाद का अनादर नहीं करते वैसे ही इस प्रसाद के रूप में मिले पानी को बर्बाद नहीं होंने देंगे। हम टपक सिंचाई से हर तरह की खेती कर सकते हैं। इससे फसल भी अच्छी होती है।
आप तय करें कि यदि यह पानी बच गया तो इसी पानी का उपयोग दो लाख हेक्टेयर तक हो सकता है। मैं आपसे इस योजना लाने के बाद, एक सेवक के रूप में आपसे कुछ मांग रहा हूं।
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