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आठ बेटे बेटियों से भरा परिवार होने के बाद भी 3 घंटे तक श्मशान घाट में पड़ी रही महिला की अर्थी, आपसी समझाइश करने पहुंचा प्रशासन , भाई बहन अपनी अपनी जिद पर अड़े रहे, प्रशासन की मौजूदगी में चार बेटियों ने दी मां को मुखाग्नि दी

 

बीगोद- कस्बे में सोमवार प्रातकाल 85 वर्ष की बुजुर्ग महिला की बेटी के घर मौत हो गई थी। बेटी जमाई अपने रिश्तेदारों एवं समाज जनों को साथ लेकर महिला का दाह संस्कार करने श्मशान घाट पहुंच गए ।

उधर किसी ने भीलवाड़ा स्थित महिला घर बेटों को फोन पर महिला के मृत होने की सूचना महिला के बेटों को किसी ने दे दी इस पर भीलवाड़ा से बेटे भी मृत मां की बॉडी लेने बीगोद आ गए। आपस में विवाद देख किसी ने इसकी सूचना प्रशासन को दे दी सूचना मिलते ही बीगोद थाना अधिकारी मूलचंद वर्मा, मांडलगढ़ डीवाईएसपी कीर्ति सिंह, एसडीएम महेश गागोरिया, नायब तहसीलदार राहुल धाकड़, काछोला थाना अधिकारी दिलीप सिंह, गिरदावर संजय पाराशर, रलायता पटवारी गजराज गुर्जर, बीगोद सरपंच प्रतिनिधि मुस्तफा लोहार सहित बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता श्मशान घाट आ पहुंचा।

श्मशान घाट में जमा भीड़ को श्मशान घाट की चारदीवारी से बाहर निकाल कर श्मशान घाट के दोनों गेटों के ताला लगा कर मृत महिला की चारों बेटियां, एवं बेटो से आपस में समझाइश करने की कोशिश की इस दौरान भाई मां का दाह संस्कार भीलवाड़ा करने की जिद पर अड़े रहे वही बेटियां बीगोद में ही दाह संस्कार करने की मांग प्रशासन के सामने रखी। मांडलगढ़ एसडीएम महेश गागोरिया ने चारों बहनों एवं भीलवाड़ा से आये मृत महिला के बेटो एवं चित्तौड़गढ़ से आये मृत महिला के पीहर पक्ष के लोगो एवं महिला के परिवारों से तीन दौर में वार्ता की पर भाई बहन अपनी अपनी जिद पर अड़े रहे ।

इस पर प्रशासन ने जहां महिला की मौत हुई वही दाह संस्कार करने का निर्णय लिया। एवं मृत महिला को चारो बेटियों ने ही मुखाग्नि दी। इस दौहरान मृत महिला के बेटे दूर खड़े रहे मां को मुखाग्नि देते ही बेटियों की चिकार पड़ी। विदित रहे भीलवाड़ा निवासी देवली पत्नी स्वर्गीय रामचंद्र खोईवाल राधा कृष्ण मंदिर पुरानी धान मंडी भीलवाड़ा निवासी मृत महिला के चार बेटे चार बेटियां है। महिला के बड़े बेटे कैलाश खोईवाल का निर्धन पहले हो चुका बद्री, सुरेश भीलवाड़ा में ही रहते हैं। कन्हैया लाल दिल्ली रहता है।

महिला के बड़े बेटे का लड़का जोधपुर रहता है। व महिला की बड़ी बेटी गीता देवी, लक्ष्मी देवी, सुशीला देवी, रज्जू देवी है। महिला पिछले 9 माह से बीगोद स्थित बड़ी बेटी गीता एवं जमाई मदनलाल के पास रह रही थी। महिला के बड़े जवाई बिगोद निवासी मदन लाल खटीक ने बताया कि मेरे सास ससुर की 24 अगस्त 2022 के दिन मौत भी बीगोद में ही हुई थी।

उस समय मैंने मेरे ससुराल वालों को सूचना दी इस पर मेरे सालों ने बताया कि बॉडी को लेकर भीलवाड़ा आ जाओ मैं मेरे रिश्तेदारों एवं समाज के पंच पटेलों के कहने पर मेरे ससुर जी की बॉडी लेकर भीलवाड़ा गया और भीलवाड़ा ही दाह संस्कार किया था । उस वक्त भी मेरे सालों ने बहुत बड़ा विवाद किया बड़ी मुश्किल से हमने ससुर जी के 12 दिन निकाले।

मेरे ससुर रामचंद्र, एवं सास देवली बाई को सारे परेशान करते थे परेशानी से तंग आकर ससुर जी बिगोद आ गए और मेरे पास रहने लग गए मदनलाल ने बताया कि भीलवाड़ा में मेरे ससुर जी के नाम पर बहुत बड़ी संपत्ति थी संपत्ति का कुछ हिस्सा पहले ससुर जी ने बेच दिया जिसका बटवारा आपस में मेरे सास ससुर की मौजूदगी में 8 बहन भाइयों की रजामंदी से चारों ही बहनों को प्रत्येक बहन को 15 लाख रुपए 24 तोला सोना प्रत्येक बहन को दिया था और 15 लाख रुपए और 24 तोला सोना चारों ही सालों को देकर बंटवारा किया था‌। बाकी बची संपत्ति मेरे सालों के पास ही वर्तमान में है ससुर की मृत्यु के बाद मेरे सालों ने सासू जी की देखभाल नहीं की इसलिए मैं और मेरी पत्नी सासु को बुढापे में सेवा करने के उद्देश्य से बीगोद ले कर आ गए थे।

जहां आज मेरे घर पर रात 3 बस कर 5 मिनट पर सासु जी की मृत्यु हो गई थी।हमने रिश्तेदारों को और ससुराल पक्ष को इसकी सूचना दी थी साले समय पर नहीं पहुंचे और समाज जन के कहने पर दाह संस्कार करने श्मशान घाट आ गए। मृत महिला की बेटीयों ने बताया कि जब तक मां जिंदा थी।

तब तक मां को हमारे भाई गाली गलौज देते थे मां की सही देखभाल नहीं करते थे बेटियों ने कहा कि या तो मां बाप की सेवा बेटे करते हैं या बेटियां हमने हमारे मां-बाप की सेवा की इसमें हमने कोई गुनाह नहीं किया हमारा फर्ज है मां का सही दाह संस्कार करके मां की आत्मा को शांति मिले यही हम चारों बहनों ने किया इसमें कौन सा गुनाह किया।

वही मृत महिला के बेटे ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने हमारी एक भी नहीं सुनी दबाव में आकर मां का दाह संस्कार करवा दिया। मांडलगढ़ नायब तहसीलदार का कहना है कि मृत महिला की चारों बेटियां एवं महिला के बेटे वह मृत महिला के पीहर पक्ष के लोगों को आपस में बिठाकर तीन तीन बार समझाइस कर ली दोनों ही और से नतीजा नहीं निकलता देख प्रशासन एवं समाज जन की मौजूदगी में महिला की बेटियों द्वारा मुखाग्नि देने का निर्णय लिया है।

बिगोद थाना प्रभारी मूलचंद वर्मा ने बताया कि दोनों पक्ष मान नही रहे थे। उपखंड अधिकारी की समझाए पर भी बात नहीं मानने पर मौके पर पर्चा बनाकर चारों लड़कियों के हस्ताक्षर करा कर दाह संस्कार करवाया)

(फोटो कैप्शन-7- लड़कियां अपनी मां को मुखग्नादि देती
8- मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारी
9- श्मशान घाट पर मौजूद चारों लड़कियां
10- पुलिस ने समझाइश से पूर्व परिवार जन को अंदर जाने से रोकते हुए)
फोटो प्रमोद कुमार गर्ग

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