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ताजिये के रास्ते को लेकर पीएम के चुनाव क्षेत्र मे शिया व सुन्नियो के बीच खूनी संघर्ष सामाजिक समरसता बिगडी

 

राकेश की रिपोर्ट

वाराणसी के दोषीपुरा में मोहर्रम के जुलूस के दौरान शिया और सुन्नी मुसलमान समुदायों के बीच ताजिये के रास्ते को लेकर लेकर विवाद हो गया.विवाद ने जल्द हिंसक रूप ले लिया, दोनों पक्षों के लोगों ने एक दूसरे पर जमकर पथराव किया, जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए हैं.

मिल रही ख़बरों के अनुसार क़रीब 40 लोग घायल अवस्था में इलाज़ कराने के लिए ज़िला अस्‍पताल पहुंचे हैं.हिंसा के दौरान भीड़ ने 20 से ज़्यादा दोपहिया वाहनों समेत पुलिस की एक जीप में भी तोड़फोड़ की है.


ताजिया के रास्ते को लेकर काशी मे हुआ विवाद

जानकारी के मुताबिक़, दोषीपुरा में नक्खीघाट, जलालीपुरा, शक्कर ताला, चुंगी की अलग-अलग ताजिया इकट्ठा हुई थी.यहां 50 साल पहले मोहर्रम के दौरान शिया और सुन्नी दोनों समुदाय के लोगों के आने-जाने का रास्ता निर्धारित किया गया था. विवाद न हो इसलिए दोनों समुदायों ने इसके लिए अलग-अलग वक्त चुना था.

सुन्नियों ने आगे जाने की इजाज़त मांगी और शुरू हुआ बवाल

इस साल शिया समुदाय के लिए दाहा गुज़रने का समय सवेरे 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और सुन्नी समुदाय के लोगों का दोपहर 2 बजे के बाद दाहा उठाने का वक्त तय किया गया था।लेकिन शनिवार को दाहा दफ़्न कर लौट रहे शिया समुदाय के लोगों ने सुन्नियों ने आगे जाने की इजाज़त मांगी. मामला जल्द कहासुनी में बदल गया और कुछ ही वक्त में मारपीट की नौबत आ गई.वाराणसी पुलिस का कहना है कि प्रशासन की तरफ से पहले से ही मोहर्रम के मौक़े को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही थी, लेकिन इसके बावजूद शिया और सुन्नी समुदाय के बीच विवाद हुआ और दोनों तरफ से पत्थरबाज़ी होने लगी.

इस पत्थरबाज़ी में जुलूस में शामिल 40 लोग घायल हुए

मोहर्रम के जुलूस को देखते हुए वाराणसी प्रशासन और पुलिस ने खासी सुरक्षा व्‍यवस्‍था की थी. बड़ी संख्‍या में पुलिस के जवानों को उन जगहों पर तैनात किया गया था जहां से जुलूस का गुज़रना तय था.

पहले शुरू हुई मारपीट और फिर पत्‍थरबाज़ी हुई.

स्थिति पर काबू पाने के लिए कई थानों की पुलिस फ़ोर्स, एआरएफ़ और पीएसी जवानों को लगाया गया. पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन ने घटनास्‍थल पर पहुंच कर लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराने की कोशिश की.लेकिन मामला बिगड़ता देख पुलिस ने बल प्रयोग किया. लाठीचार्ज के बाद भीड़ तितर-बितर हुई और पथराव शांत हुआ.

हिंसा के कारण दोनों ही समुदाय के कई ताजिया क्षतिग्रस्त हो गए. शिया समुदाय के लोगों ने ताजिया को करबला ले जाने से मना कर दिया और मौक़े पर ही धरना देने लगे. पुलिस से बातचीत के बाद भी उन्होंने ताजिया उठाने से इनकार कर दिया.

इस ख़बर के लिखे जाने तक मौक़े पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है और माहौल तनावपूर्ण है, लेकिन शांत है.

टीम आईबीएन न्यूज

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