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युवा पीढ़ी सामाजिक कुरीतियां दूर करने हेतु अग्रणी रहे- सिविल न्यायाधीश मदन सिंह चौधरी

 

मनीष दवे IBN NEWS

भीनमाल – राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक्शन प्लान के तहत स्थानीय माघ कोलोनी स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में तालुका विधिक सेवा समिति भीनमाल के तत्वाधान में सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट मदन सिंह चौधरी एवं उप-प्राचार्य ऊकचंद सिंघल की मौजूदगी में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया।

शिविर में न्यायाधीश चौधरी ने समाज में व्याप्त बाल विवाह जैसी कुरीति को समाप्त करने हेतु स्कूली लड़कियों को जागरूक रहने की बात कही है। समाज में बाल विवाह कुरीति के विभिन्न कारणों एवं समाधान के पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई।

बताया कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है। बाल विवाह रूकवाने हेतु प्रशासन अथवा न्यायालय को उचित तकनीकी से सूचना देकर रूकवा सकते हैं। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बाल विवाह पर बताया कि कानून की दृष्टि में 18 या 21 साल की उम्र से पहले हुई शादी को एक अपराध माना जाता है तथा बाल विवाह के बाद पीड़ित लड़की या लड़का 18 या 21 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर नियमानुसार कोर्ट से ऐसी शादी को शून्य घोषित करवाने का हकदार होते है।

सिविल न्यायाधीश ने बताया कि आधुनिक युग में शिक्षा सशक्त एवं होनहार बनाने का मूल आधार है इसलिए पढ़ाई को विशेष प्राथमिकता दें एवं शिक्षा का सदुपयोग समाज में व्याप्त बाल विवाह जैसी अन्य कई कुरीतियों को समाप्त करने में करें। आज की युवा पीढ़ी को कुरीतियां को मिटाने में अग्रणी भूमिका निभानी होगी। इस मौके काफी तादाद छात्रोंओं सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहें।

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