रिपोर्टर – मनीष दवे
भीनमाल :- शहर के गायत्री शक्तिपीठ में सुंदरकांड पाठ का संगीतमय वाचन हुआ। सुन्दरकाण्ड प्त पाठ का आयोजन करते हुए महेश व्यास ने कहा कि जहां एक ओर पूरे रामचरितमानस में भगवान के गुणों स्ते का वर्णन हुआ है उनकी महिमा छठें बताई गई है। दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा अलग है। इसमें भगवान राम के गुणों की नहीं बल्कि उनके भक्त के गुणों और इनकी विजय के बारे में बताया गया है। सुंदरकाण्ड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमानजी बल री प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती। यह भी माना जाता है कि जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम नहीं बन रहा हो तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप बनने लगते हैं। शांतिकुंज हरिद्वार के परिव्राजक हरीकृष्ण द्विवेदी ने कहा कि सुंदरकांड के महत्व को वैज्ञानिकों ने भी बहुत खास माना है। मान्यताओं में ही नहीं विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझा है। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने सुंदरकांड के पाठ को भक्तों के आत्मविश्वास व इच्छाशक्ति को बढ़ाने वाला माना है। इस पाठ की प्रत्येक पंक्ति जीवन में कभी हार ना मानने की सीख प्रदान करती है।