शिविर में संविधान की भावना- सभी को समान अवसर मिले
विषय पर कॉलेज छात्रों को दी जानकारी
मनीष दवे IBN NEWS
भीनमाल :–
वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बृजपाल दान चारण, महाविद्यालय सह- आचार्य डॉ. ऋचा प्रसाद रानाडे, सहायक आचार्य धर्मपाल की मौजूदगी में राजकीय जीके गोवाणी कॉलेज, भीनमाल में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जालोर के निर्देशानुसार “एंपावरमेंट ऑफ सिटीजन थ्रू लीगल अवेयरनेस एन आउटरीच &“ हक हमारा भी तो है@75“ अभियान के तहत तालुका विधिक सेवा समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को विधिक चेतना शिविर का आयोजन हुआ। न्यायाधीश चारण ने संविधान में सभी को “”ईक्वल अपॉर्चुनिटी””के सिद्धांत के अनुसार समाज के निचले तबके को ऊपर उठाने एवं सामान्य स्तर तक लाने हेतु संविधान के अनुच्छेद 14 से लेकर 32 तक में वर्णित प्रावधानों के बारे में कॉलेज छात्रों को विस्तार से जानकारी दी।
ईडब्ल्यूएस आरक्षण की आवश्यकता क्यों पड़ी, इस पर सटीक तरीके से कॉलेज छात्रों को समझाया।मूल अधिकारों, राज्यों के विशेषाधिकारों, लैंगिक उत्पीडन पर बने कानूनों की जानकारी दी गई।
किसी भी तरह के अत्याचार के विरुद्ध सजग रहने, बाल विवाह करने व कराने पर कानून के तहत दोषी कौन- कौन होते हैं- दुष्परिणाम एवं लड़के-लड़कियों को कम उम्र में शादी नहीं करना हेतु प्रतिबद्ध रहने की बात कही। न्यायाधीश ने कहा कि कॉलेज जीवन में छात्रों को गलत संगत में नहीं पड़ना चाहिए।
पढ़ाई की क्या महत्ता है, छात्र-छात्रों को लक्ष्य रखकर अध्ययन करने, सरकारी क्षेत्र में जाने हेतु कौन-कौन सी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए किस तरह से तैयारी करनी होती है। संस्कारी रहने तथा गुरुजनों का सम्मान करने की बात कही। शिविर आयोजन के लिए सहआचार्य ऋचा प्रसाद ने आभार व्यक्त किया है। इस मौके काफी तादाद में छात्र एवं छात्राओं सहित कॉलेज स्टाफ मौजूद रहे।