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मुण्डेरवा/बस्ती – गन्ने को कीटों के प्रकोप से बचाव के लिए किसान करें जरूरी उपाय

Ibn news Team

मुण्डेरवा,बस्ती। गन्ने की बेहतर उपज के लिए समय से कीटों से बचाव व रसायनों के प्रयोग को लेकर उत्तर प्रदेश चीनी व गन्ना विकास निगम लि. की मुण्डेरवा इकाई किसानों के बीच जागरूकता अभियान चला रही है। इसको लेकर मिल की कार्यदाई संस्था एलएसएस के कर्मी तकनीकी जानकारी देने के साथ ही अनुदान पर कीटनाशक व रसायन भी उपलब्ध करा रहे हैं।


गन्ने में टॉप बोरर (चोटी बोधक) कीट का प्रकोप इस समय अधिक देखने को मिल रहा है। इस कीट से प्रभावित गन्ने के बीच गोफ वाली पत्तियों में छर्रे जैसे छेद पाए जाते हैं। मृत पौधों को जमीन के सतह से एक इंच नीचे से काटकर हटा दें व उसे मवेशी को खिला दें। इससे रोकथाम के लिए प्रति एकड़ के अनुसार कोराजन दवा 150 एमएल 400 एमएल पानी में मिलाकर पौधो के जड़ों के पास ड्रेंचीग कर दें। काली कीड़ी कीट पेड़ी फसल को ही बर्बाद करती है। इस कीट के प्रकोप से फसल पीली पड़नी शुरू हो जाती है और पौधे पूरी तरह से मुरझाने लगते हैं। प्रभावित खेतों में इमिडाक्लोप्रिड 17.8 ई.सी. का छिड़काव करें।


कंडुआ रोग गन्ने की पेड़ी फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाते हैं। यह रोग अस्टलीगो सिटामिनिआ नामक फफूंद से उत्पन्न होता है। इससे गन्ने के पौधों के कल्लों में फुटाव कम हो जाता है और गन्ना पतला और बौना रह जाता है। कंडुआ से संक्रमित पौधौं को सावधानी से एक पॉलिथीन बैग में इकट्ठा करके नष्ट कर देना चाहिए। इसके अलावा प्रोपिकोनाजोल 25 ई.सी. का साफ मौसम में छिड़काव करें। पायरीला के प्रकोप की स्थिति में शिशु और वयस्क कीट गन्ने की पत्तियों के निचली सतह से लगातार रस चूसते रहते हैं, इससे धीरे-धीरे पौधा पूरी तरह से सूख जाता है। बचाव के लिए इमिडा क्लोरोपिड दवा 250 एमएल प्रति एकड़ के दर से 250 से 300 लीटर पानी में घोल मिलाकर छिड़काव करें।

गन्ने की पत्तियों पर किया जा रहा छिड़काव

कार्यदाई संस्था एलएसएस के फील्ड स्टाफ किसानों से सीधा संपर्क कर गन्ने की पत्तियों पर इमिडाक्लोरोपिड,नैनो यूरिया व एनपीके का छिड़काव करा रहे हैं। यह जानकारी देते हुए गन्ना सलाहकार एसपी मिश्र ने कहा कि इससे कीट व बीमारियों के रोकथाम के अलावा पौधों का तेजी से विकास हो सकेगा। ये सभी रसायन चीनी मिल किसानों को पचास प्रतिशत अनुदानित दर पर उपलब्ध करा रहा है। यह सभी मिल परिसर स्थित गन्ना विभाग के कार्यालय पर उपलब्ध है। जहां से किसान कार्यालय अवधि में प्राप्त कर सकते हैंै। इसके अलावा जरूरतमंद किसानों तक हमारे फील्ड स्टाफ भी यह कीटनाशक व रसायन पहुंचा रहे हैं।

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