Breaking News

शिक्षक में मानवीय गुणों का समावेश होना आवश्यक: प्रो. कल्पलता पाण्डेय

नए परिवर्तनों के अनुरूप बढ़ानी होगी शैक्षिक गुणवत्ता: प्रो. राजेश सिंह

रिपोर्ट ब्यूरो गोरखपुर

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के यूजीसी-एचआरडी सेंटर द्वारा आयोजित फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के उद्घाटन सत्र का ऑनलाइन आयोजन हुए, जिसकी अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने किया और मुख्य अतिथि के रूप में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर कल्पलता पाण्डेय की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया की कुलपति प्रो. कल्पलता पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक ही समाज को दिशा देता है, इसलिए उसके भीतर मानवीय गुणों का समावेश होना बहुत ही आवश्यक है। शिक्षक का प्रमुख कर्तव्य ज्ञान में अभिवृद्धि करना है। वर्तमान में व्याप्त यांत्रिकता को मानवीयता में परिवर्तित करने की जरूरत है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस बार पर विशेष बल दिया गया है, कि शैक्षिक गुणवत्ता के साथ-साथ मूल्यों का विकास भी किया जाए। शिक्षक स्वयं मानवीय गुणों और मूल्यों से समृद्ध होगा तभी वह विद्यार्थियों को ज्ञान, कौशल, विनय, शीलता, स्वावलंबन, संस्कार एवं चरित्रवान बनने की प्रेरणा दे सकता है। शिक्षक ही विद्यार्थी को अंधकार से ज्ञान की तरफ असत्य से सत्य की तरफ ले जाता है। फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षक में मानवीय गुणों का भी विकास करने का प्रयास होना चाहिए, क्योंकि शिक्षक ही समाज को दिशा देने का कार्य करता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि शिक्षा को अर्थव्यवस्था से जोड़ने की जरूरत है। हमें ऐसी शैक्षिक प्रणाली की ओर बढ़ना, जो बाजार की चुनौतियों का सामना कर सके। बाजार की माँग के अनुरूप शिक्षा प्रणाली को बदलना पड़ेगा, इसे अधिक समृद्ध और वर्धित करना होगा, प्रोफेशनल कोर्सेज को शुरू करना होगा, तभी शिक्षण संस्थानों का महत्व बना रह सकता है। नई शैक्षिक नीति के अनुरूप सीबीसीएस प्रणाली को समझने और विद्यार्थियों को समझाने की जरूरत है, क्योंकि दुनियाभर के विश्वविद्यालयों में इसी अनुरूप पढ़ाई हो रही है। आने वाले समय में हमें शिक्षा के क्षेत्र यदि आगे बढ़ना है और ग्लोबल रैंकिंग में आना है, तो नए प्रयोगों के साथ शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाना पड़ेगा।

कार्यक्रम के प्रारंभ में यूजीसी एचआरडीसी के निदेशक प्रो. रजनीकांत पांडे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के नियम एवं अनुशासन को समझने के लिए गुरु-दक्षता कार्यक्रम जैसे प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। शिक्षक के अंदर ज्ञान का भंडार होना तो आवश्यक होता ही है साथ ही साथ उस ज्ञान को अपने विद्यार्थियों तक पहुंचाना भी उसका एक कार्य होता है। ज्ञान का प्रसार एक शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।

कार्यक्रम के समन्वयक अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ला ने फैकेल्टी इंडक्शन प्रोग्राम की उपयोगिता एवं महत्व के बारे में प्रकाश डाला और बताया कि आज तकनीक के युग में शिक्षक को प्रोफेशनल तरीके से अपने कार्य का संपादन करना है और साथ ही साथ शिक्षक के श्रेष्ठतम गुणों का भी प्रदर्शन भी करना है। शिक्षक समाज का मार्गदर्शक माना जाता है इसलिए उसे अपने भी सर्वांगीण विकास पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि इस फैकेल्टी इंडक्शन प्रोग्राम में लगभग चार दर्जन प्रतिभागी विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से प्रतिभाग कर रहे हैं, जिन्हें आगामी चार हफ्तों में शिक्षण के विभिन्न आयामों के बारे में बताया जाएगा।

कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन सह समन्वयक डॉ. मनीष पाण्डेय ने किया। इस दौरान विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्रतिभागी शिक्षक ऑनलाइन उपस्थित रहे।

About IBN NEWS GORAKHPUR

Check Also

गाजीपुर: नुसरत के साथ नामांकन स्थल पहुचे सपा उम्मीदवार अफजाल अंसारी नामांकन स्थल

Ibn news Team गाजीपुर गाजीपुर:- निर्धारित तिथि के अनुसार आज अफजाल अंसारी नामांकन स्थल न्यायालय …