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फरेंदा महराजगंज
पत्रकारिता से हिंदी साहित्य का विकास हुआ है क्योंकि पत्रकार घटनाओं को उजागर करता है और सौहार्द भी कायम करता है इसलिये पत्रकारों की समाज में अहम भूमिका हैl
वह समाज को सुधारने का कार्य करता है उक्त बातें आद्रवन लेहडा देवी की गोद में स्थित फरेन्दा (राजा पैलेस) हाल में आयोजित होली मिलन समारोह के पश्चात उपजिलाधिकारी फरेन्दा दिनेश कुमार मिश्र ने कही । तहसीलदार मजिस्ट्रेट फरेंदा वाचस्पति सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से चारपाई चार पहिया के अभाव में खड़ी नहीं हो सकती है उसी प्रकार से कार्यपालिका न्यायपालिका विधायिका बिना पत्रकारिता के चल नहीं सकती है। पत्रकार और सामाजिक हित में हम हमेशा खड़े हैं। आप लोगों की भावनाओं से ओतप्रोत होते हुए हम आपके साथ हैं। पुलिस क्षेत्राधिकारी फरेन्दा सुनील दत्त दुबे ने कहा कि होली त्योहार जाति और कुल के भेदभाव को दूर कर मानवीयता की भावना का प्रचार करता है ताकि सभी का निरंतर कल्याण होता रहे। आज होली मिलन समारोह में आप लोगों से मुखातिब होकर हमें एक गौरव की अनुभूति हो रही है। मुझे तीर -तलवार से डर नहीं बल्कि पत्रकार की कलम की धार से डर है। नगर पंचायत अध्यक्ष आनन्दनगर के चेयरमैन राजेश जयसवाल ने कहा कि पत्रकार समाज का सचेतक होता है और हमको निरंतर सचेत भी करता रहता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के साथ हम 24 घंटे तैयार हैं और उनके लेखनी का सम्मान करते हैं । जर्नलिस्ट प्रेस क्लब महराजगंज के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकार हमारी ताकत और पूंजी है अतः इनका उत्पीड़न हम बर्दाश्त नहीं कर सकते । होली मिलन समारोह से आत्मविश्वास बढ़ता है और आत्मीयता की सीख मिलती है। ऐसे आयोजनों में पत्रकार और प्रशासन सारे गिले- सिकवे भूलकर एक पटल पर मुखातिब होते है। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार विशुनदेव त्रिपाठी ने कहा कि होली मिलन में आपसी भाईचारा और आपसी सौहार्द झलकता है। आयोजित कार्यक्रम में केशव मिश्रा, रवि श्रीवास्तव, प्रदीप, राकेश अग्रहरी, रमेश कुमार यादव, उमाकान्त, आशिष, उमेश गुप्ता, हरि प्रकाश पांडेय, मंटू श्रीवास्तव, विनय वास्तव, नंदू पासवान, महेश लोहिया, आशीष जायसवाल, रणविजय सिंह आशीष सनद त्रिपाठी, सुनील मणि, अभिषेक अग्रहरी, अंकुर मिश्र व बलराम सहित धानी वृजमनगंज तथा कोल्हुई के विभिन्न समाचार पत्रों के पत्रकार उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन सिविल बार के एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार सुधेश मोहन श्रीवास्तव ने किया।