टीम आई0बी0एन0 न्यूज
गाजीपुर: प्राचीन काल से जिला मुख्यालय पर मौजूद बौड़हिया शक्तिपीठ की रौनक व महत्व को कमेटी बनाकर दायरे में लाने का प्रयास किया जा रहा है। पीठ का दरवाजा तय समय पर खुलता है और बन्द हो जाता है।
भक्त व श्रद्धालु जाकर वापस लौट जाते है। अब तो हालात यह हो गये है कि जो समाज सेवी व औघड़ समाज में आस्था रखने वाले लोग व संस्थायें थी धीरे-धीरे शक्तिपीठ के निर्माण व विकास का कार्य अधूरा छोड़कर अन्यत्र समाज सेवा कर रही है जिसका जीता जागता उदाहरण सर्वेश्वरी समूह हैं।
समूह की ओर से विगत दस सालों से पीठ पर चिकित्सा शिविर, भंडारा, कम्बल वितरण, दिव्यांगो व गरीबों को मुफ्त की दवा देने का काम किया जा रहा था जिसे रोक दिया गया है और इस बार कम्बल वितरण का कार्यक्रम अघोर पीठ अन्धऊ में आयोजित किया गया।
बताया जाता है कि शहर के चीतनाथ इलाके में स्थित डी0ए0वी0 विद्यालय के बगल में मौजूद बौड़हिया शक्तिपीठ एक प्राचीन इतिहास हैं। इसी सिद्धपीठ पर पहुंचे विश्वामित्र के शिष्य राम और लक्ष्मण ने रात्रि प्रवास के बाद बक्सर जाकर ताड़का का वध किया था।
प्राचीन काल में यह स्थान महर्षि विश्वामित्र का प्रवास हुआ करता था। सैकड़ो साल पहले यहॅा अवधूत भगवान राम भी अपनी धुनि यहॅा लगाते थे। प्राचीन काल से नगर के साथ-साथ जनपद के हजारो अवधूत भक्तों की श्रद्धा का केन्द्र रहा है और 24 घण्टे औघढ़ समाज से जुड़े लोग यहॅा दर्शन पूजन के साथ-साथ अपनी विद्या का प्रदर्शन करने के लिये आते रहते है।
एक दशक पूर्व जर्जर पड़े इस प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर को सजाने सवारने का काम वाराणसी के पड़ाव मे ंमौजूद सर्वेश्वरी समूह की ओर से शुरू कराया गया और तकरीबन 30 लाख रूपये की लागत से पूरे परिसर में धर्मस्थल निर्माण के साथ-साथ अखाड़ा, बाउण्ड्रीवाल व आधा दर्जन कमरे भी बनवाये गये।
सर्वेश्वरी समूह के इस प्रयास को देखकर जिले के जनप्रतिनिधि अफजाल अंसारी, विनोद अग्रवाल, पूर्व मंत्री विजय मिश्रा समेत तमाम लोगो ने खुले दिल से इस सिद्धपीठ को सजाने व सवारने का काम किया।
मौजूदा समय में सिद्धपीठ अपनी आभा बिखेर रहा है। इसी बीच मुहल्ले के लोगो ने एक कमेटी बनाकर सिद्धपीठ के निर्माण कार्यो व जनकल्याण के कार्यो पर हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया और शहर के साथ-साथ अन्य इलाको में यह भ्रम फैलाने लगे कि सिद्धपीठ का निर्माण व सुन्दरीकरण कराने वाले मठ पर कब्जा करेगे और इस तरह के दुष्प्रचार की जानकारी होने के बाद धर्मावलम्बियों ने अपने हाथ पीछे खींच लिये। हर साल 500 गरीबों को कम्बल बाटने के साथ-साथ दो बाद चिकित्सा शिविर व दवा वितरण के साथ-साथ भण्डारा करने वाले लोगो में कमेटी के रूख से काफी हताशा हुई।
इस बाबत अवधूत भक्त संजीव सिंह ने बताया कि अगल बगल के अराजक तत्व सिद्धपीठ को अपना व्यापारिक केन्द्र व निजी सम्पत्ति समझने का प्रयास कर रहे हैं जो पीठ की महत्ता व इसका सहयोग करने वाले लोगों को प्रभावित कर रही है।
पीठ के सुन्दरीकरण व जीर्णोद्वार मे प्रमुख भूमिका निभाने वाले बलिया निवासी ट्रांसपोर्टर संजय सिंह भी समिति से जुड़े लोगों की इस कार्यप्रणाली से काफी आहत है।
उन्होनें कहा कि सर्वेश्वरी समूह गरीबों व असहायों के हित में तमाम आयोजन करती है और हर साल करेगी। बौड़हिया के लोगों को यह रास नही आ रहा है तो स्थान बदल दिया जायेगा।
जबकि इस बाबत बौड़हिया पर बनाई गयी कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष अशोक अग्रहरि से बात किया गया कि निर्माण व सुन्दरीकरण के समय लापता लोग व कमेटी अब कुछ आयोजन भी पीठ पर करायेगी तो उन्होंने कहा कि देखा जायेगा।
राकेश की रिपोर्ट