Ibn news ब्यूरो रिपोर्ट देवरिया
देवरिया – खुखुन्दू क्षेत्र के पशुओं में बढ़ रहे फुटराट रोग के संक्रमण के चलते पशुपालकों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। कुछ पशुपालक इसे खुरपका एवं मुंहपका रोग से जुड़ा हुआ रूप मानकर अपने पशुओं का इलाज करवा रहे हैं तो कुछ समझ नहीं पा हैं कि आखिर ये है क्या। पशु चिकित्सों के अनुसार नमी वाले स्थानों पर पशुओं को नहीं बांधें। स्थानीय सरकारी पशु चिकित्सक डा. रामसहाय यादव ने बताया कि यह रोग खुरपका-मुंहपका से अलग है। अमूमन लोग अपने पशुओं को नमी वाले स्थानों में बांधते हैं जिससे संक्रमण के चलते उनके पैरों में सड़न, सूजन व दर्द होना शुरू होता है। धीरे-धीरे यह शरीर के अन्य हिस्से में भी फै लने लगता है। इस तरह के रोग को फुटराट डिजीज कहते हैं। बचाव ही मुख्य रूप से इस बीमारी का इलाज है इसलिए जरूरी है कि पशुपालक पशुओं को सूखे स्थान पर बांधें। संक्रमण होने के बाद अपने पशुओं के पैरों की ड्रेसिग और एंटीसेप्टिक लोशन का प्रयोग करना चाहिए। यह उन्हीं पशुओं में ज्यादा होता है, जिन्हें पशुपालक पथरीली जगहों पर बांधते हैं