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बेतिया- नगर परिषद बेतिया में पेंशनर्स घोटाला जिला पदाधिकारी के द्वारा जांच टीम का खुलासा

विजय कुमार शर्मा प,च,बिहार
जिला में मिलने वाले सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने वालों पेंशनर्स की घोटाला सामने आई है इस घोटाले में बेतिया नगर परिषद के सभी वार्डों में मिलने वाले पेंशन की राशि में पेंशनरों को संख्या के आधार पर पेंशन की राशि उनके बैंक खाते में भेजी जाती रही है, मगर पेंशनर सूची संख्या में कोई कमी नहीं आने के कारण इस बात का संदेह खडा हुआ की पेंशनर्स जिंदा है या मृत मगर उनके नाम पर पेंशन की राशि का भुगतान लगातार हो रहा है।
पदाधिकारी पश्चिम चंपारण में पेंशनर्स की जांच के लिए एक टीम गठित की थी जिसके द्वारा बेतिया नगर परिषद के सभी वार्डों में पेंशन सूची के अनुसार पेंशनरों की डोर टू डोर जाकर जांच टीम के द्वारा जांच किया गया जिसमें 804 पेंशनरों की कोई पता नहीं चल सका और ना ही इनके द्वारा जीवन प्रमाण पत्र ही जमा किया गया जो शक की बुनियाद बढ़ गई किसी कारणवश जिला पदाधिकारी पश्चिम चंपारण में है जांच करने के लिए एक जांच टीम गठित की जिसमें नगर परिषद के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने अपने कार्यालय के कर्मी जुगनू कुमार अमित कुमार आदित्यनाथ गुप्ता वह विकास मित्रों सुमन कुमारी (२), आनंद कुमार राम विनोद कुमार चौधरी की टीम बनाई गई। टीम के द्वारा की गई जांच का जांच प्रतिवेदन से यह स्पष्ट हो गया है कि पेंशन में फर्जीवाड़ा किया गया है, इसके अलावा जांच टीम ने यह भी खुलासा किया है कि जांच के समय मृत बताए गए 327 पेंशनरों में अधिकांश के परिजन या उस वार्ड के पार्षदों मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं जमा किए हैं इसका मुख्य कारण यह है कि मृत्यु के बाद भी पेंशनर्स के खाते में पेंशन राशि का भुगतान होता रहा है जो जांच का विषय है और सरकारी राशि का गबन का मामला बनता है अगर यह सही पाया जाता है तो ऐसे लोगों पर सर्टिफिकेट केस करके ली गई राशि का शुद्ध सहित वापस करने के लिए मुकदमा करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि जांच में यह पता चला है कि 92 पेंशनरों की राशि दूसरे लोगों के खाते में भेजे जा रही थी जो गबन का मामला बनता है। इसके अलावा 327 पेंशन पाने वाले मृत घोषित किए गए हैं मगर उनके परिजनों के द्वारा जीवन प्रमाण पत्र नहीं सबमिट किया गया है जो शक के दायरे में आ रहा है और गबन का मामला भी बनता है।
जिला पदाधिकारी के द्वारा घोषित जांच टीम मैं अपने लिखित बयान में नगर परिषद के सभी वार्डों में डोर-टू-डोर घूमकर जांच में यह मामला का खुलासा हुआ है, नगर परिषद के 39 वार्डों में जांच के क्रम में 1014 पेंशनर लोगो जांच शिविर में नहीं पहुंच पाए हैं जिससे यह पता चलता है कि मृत्यु होने के पश्चात भी या किसी अन्य स्थान पर चले जाने के बाद भी इंटेंशन उसके खाते में पेंशन की राशि का भुगतान होता रहा है, जांच शिविर में यह भी पता चला है कि कई पेंशनर्स एक ही आधार कार्ड नंबर से दो दो वार्डों में पेंशन का भुगतान पा रहे हैं। जिला पदाधिकारी पश्चिम चंपारण के द्वारा गठित जांच टीम के जांच प्रतिवेदन सामने आने से नगर के वार्ड पार्षदों में तथा नगर परिषद के कार्यालय में खलबली मची हुई है पता नहीं कितनी नगर पार्षद इस घोटाले में सामने आएंगे जो अपने वार्डों में गलत तरीके से जाली पेंशनों का भुगतान कर रहे थे, बेतिया नगर परिषद कार्यालय का और बेतिया के 39 वार्ड के वार्ड पार्षदों पर भी आफत आनी तय हो गई है जिन नगर परिषद के वार्ड में इस तरह की पेंशन घोटाला का मामला सामने आएगा उनके साथ किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार बेतिया नगर परिषद में वार्डों मैं पेंशनर्स की पेंशन राशि का घोटाला विगत कई वर्षों से चला आ रहा है जो अब जाकर जिला पदाधिकारी के जांच टीम के द्वारा खुलासा हो गया है।

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