Ibn24x7news विजय कुमार शर्मा प,च,बिहार
बगहा, वाल्मीकिनगर क्षेत्र से सटे रिहायशी क्षेत्र कैलाशपुर और ठाड़ी गांव के ग्रामीणों को आज डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और वन अधिकारियों ने बरसात तथा उसके बाद के मौसम में जानवरों की सुरक्षा के बाबत विस्तृत जानकारी दी है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के परियोजना पदाधिकारी बांकेलाल प्रजापति और अमित कुमार थापा के नेतृत्व में गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने उत्साह के साथ भाग लिया। उपस्थित ग्रामीणों को वन कर्मियों ने बताया कि बाढ़ की स्थिति में मानव और वन्य जीव से कैसे सुरक्षा की जा सकती है। जंगल के निकट रहने वाले ग्रामीण और जंगली जानवरों के बीच हमेशा संघर्ष की संभावना बनी रहती है, उन्होंने ग्रामीणों से अपील किया कि थोड़ी सावधानी रखकर होने वाली इन घटनाओं की रोकथाम की जा सकती है। ग्रामीणों से उन्होंने अपील किया कि खेतों में सुबह-शाम जाते समय विशेष सावधानी बरतें। बच्चों को अकेले खेत में अथवा वन क्षेत्र की ओर ना जाने दें। वन क्षेत्र के भीतर अथवा किनारे पर जानवर ना चरायें। खेतों में किसी वन जीव के दिखने पर या उनके पद चिन्ह दिखाई देने पर नजदीकी वन विभाग को तुरंत सूचना दें। रात में अकेले शौचालय करने ना निकलें। वही पालतू पशुओं को बाढ़ आने की स्थिति में उनके रखने की व्यवस्था उचित स्थान पर करें।जानवरों के रहने वाले जगहों को साफ एवं स्वच्छ रखें। वहां पशुशाला नियमित अंतराल पर चूने का छिड़काव जरूर करें। पशुओं को संतुलित आहार और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के साथ पालतू पशुओं को बाढ़ में डूबी घास ना खिलावें। पशुओं को सड़ा हुआ भूसा ना खिलावें। इस मौसम में अंतः परजीवी एवं बाह्य परजीवी का खतरा ज्यादा रहता है। पशुओं को कृमिनाशक दवा दे खुर पका, मुंह पका रोग, गलाघोंटू, लंगड़ा बुखार जैसे रोगों के टीके जरूर लगाव दें। बीमार और घायल पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखे। मौके पर परियोजना पदाधिकारी बांकेलाल प्रजापति, स्वयंसेवक अमित कुमार थापा समेत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पुरुष और महिलाएं उपस्थित रहे।
Tags पश्चिमी चम्पारण बगहा
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