बीगोद– कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को महिलाओं ने आंवले के वृक्ष की पूजा अर्चना कर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।
महिलाएं अलसुबह सज धज कर समूह मे आंवले के तने मे कपूर, घी का दीपक जलाकर , रोली, लच्छा, अक्षत, फल, पुष्प, कच्चा दूध जल अपिर्त कर आंवले की पूजा कर तने कच्चा सूत का धागा बांधकर, चुनर ओढाकर,11 परिक्रमा कर सन्तान प्राप्ति, परिवार की सुख समृद्धि लम्बी उम्र की कामना।
समूह में बैठकर कहानी सुनकर बडो से आशीर्वाद लिया। आंवले के वृक्ष के नीचे व्रत खोलकर भोजन किया। पूजा का दौर सुबह से शुरू हुआ जो पूरे दिन तक जारी था।
इस दौरान स्नान, पूजन, तर्पण, दान करके पंडितों को भोजन कराया ताकि अक्षत फल की प्राप्ति हो सके। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु आंवले के वृक्ष में आज से निवास करते हैं जो कार्तिक पूर्णिमा तक रहकर मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
ऐसी मान्यता है आंवले के पेड़ के नीचे बैठने से लोगों का नाश होता है। महिलाएं दशमी पर आंवले वृक्ष घी का दीपक जलायेगे।
(फोटो कैप्सन– महिलाएं आंवला नवमी पर पूजा करते)
फोट़ो-प्रमोद कुमार गर्ग