फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद: बिहार राज्य से प्रवासियों को हर साल छठ पूजा को लेकर धक्के खाने पड़ते हैं क्योंकि इनकी न तो कोई पार्षद सुनते हैं और न ही विधायक व सांसद कोई भी इन प्रवासियों को छठ घाट देने की बात नहीं करते हैं।
बस हवा में आकर इनके छठ पर्व बधाई तो जरुर दे जाते हैं पर छठ घाट को स्थाई रूप से पक्का करने की बात नहीं करते हैं। आप सभी ने सुना होगा कि भारतीय रेलवे प्रवासियों को लेकर रेलवे स्टेशनों पर भीड़ के ऊपर भीड़ है क्योंकि ये प्रवासी जहां काम करते हैं वहां छठ घाट नहीं है इसलिए बिहार जाने के लिए परेशान होते हैं। अगर हर राज्य सरकार में मंत्री जो बैठे हैं अगर वह अपने लोकसभा, विधानसभा,वार्डों क्षेत्रों में पक्का छठ घाट बनवा दे तो यह प्रवासियों को रेलवे स्टेशनों पर भीड़ में नहीं मरना होगा।
पर हमारे यहां ऐसा कुछ भी नहीं होता है। बात करें फरीदाबाद की तो सबसे ज्यादा प्रवासियों को परेशानी हो रही है छठ घाट कि क्योंकि छठ घाट जितने होने चाहिए उतने हैं नहीं तो सही स्थाई नहीं हैं।
जबकि फरीदाबाद में प्रवासियों की आबादी भी अच्छी खासी है जिनके अकेले प्रवासियों की वोट से एक विधानसभा का विधायक बन सकता है,फिर भी इन नेताओं के हालात इतने शर्मनाक है जिससे कि कुछ कहा नहीं जा सकता है।
बीते दिनों जब हमारी ibn24x7news की टीम ने फरीदाबाद के कुछ छठ घाटों पर दौरा करने गई तो पता चला कि इस छठ को विधायक साहब ने कहा कि मेरे विधानसभा से इस छठ घाट को कहीं ओर किया जाएगा। तो हमें स्थानीय लोगों ने कहा कि हम लोगों को हर साल छठ पूजा को लेकर परेशानी होती है।
इसलिए हम सभी नेताओं से यही कहेंगे कि इन प्रवासियों को अपने विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा छठ घाट जरूर दें। ताकि यह आपके यही रहकर छठ पर्व मनाए।