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श्री रामलीला कमेटी बर्दघाट के तत्वाधान में र्वप्रथम प्रभु श्रीराम की आरती उतारी गयी , जिसमें समिति के अध्यक्ष पंकज गोयल , महामंत्री अनूप अग्निहोत्री एवं उपाध्यक्ष अनिल जी बर्नवाल के द्वारा सम्पन्न की गयी

रिपोर्ट ब्यूरो

गोरखपुर। श्री श्री रामलीला कमेटी बर्दघाट के तत्वाधान में आज दिनांक 12.10.2021 को रामलीला कमेटी बर्दघाट में रामलीला में सर्वप्रथम प्रभु श्रीराम की आरती उतारी गयी , जिसमें समिति के अध्यक्ष पंकज गोयल , महामंत्री अनूप अग्निहोत्री एवं उपाध्यक्ष अनिल जी बर्नवाल के द्वारा सम्पन्न की गयी । आज की लीला में मुख्य रूप से हनुमान जामवत सवाद , लंका में प्रवेश , सीता हनुमान संवाद , लंकादहन का रंगमंच के कलाकारों द्वारा मंचन किया गया । लीला में आज प्रभु श्रीराम जी सीता जी की खोज में हनुमान जी को भेजते हैं । सम्पाती नामक गिद्ध ने हनुमान जी से बताया कि . समुद्र के उस पार लंका है , जहाँ रावण ने सीता का हरण करके लंका ले गया है । उसके बाद जामवंत जी , हनुमान जी को आत्मशक्ती का याद दिलाते हैं । आपमें अपार शक्ती है , बल , बुद्धि के भण्डार हैं , राम कार्य के लिए आपका जन्म हुआ है । इतना सुनते हनुमान जी ने अपना विकराल रूप धारण किया और जामवंत से बोले उचित शिक्षा दीजिए । लंका को उठाकर लाऊँ या सीता जी को उठाकर लाऊँ , हमें क्या करना है ? जामवंत जी ने कहा- आप केवल सीता जी का पता लगा कर आईये । प्रभु श्रीराम जी उसके बाद जैसा आदेश देंगे , वैसा ही किया जायेगा । हनुमान जी ने छलांग लगाया और लंका की ओर प्रस्थान किया । रास्ते में मैनाक पर्वत ने हनुमान जी को विश्राम देना चाहा , तो हनुमान जी बोले बिना राम कार्य किये आराम हराम है । तब देवताओं ने हनुमान जी की परीक्षा लेने के लिये नागों की माता सुरसा को भेजा हनुमान जी का बल देखकर सुरसा ने आशिर्वाद दिया और कहा आप राम के कार्य में सफल होंगे । हनुमान जी लंका में पहुँचे तो मार्ग में लंकिनी ने उनको रोका और बोली तुम कौन हो ? तुम चोरी – चोरी लंका में कहाँ प्रवेश कर रहे हो ? तब हनुमान जी ने मुष्टिका का प्रहार किया , लंकिनी भूमि पर गिर पड़ी , उसके बाद हनुमान जी मुख्य द्वार से लंका में प्रवेश किये । वहाँ विभीषण से उनकी मुलाकात होती है , वह बताते हैं कि माता सीता अशोक वाटिका में हैं । हनुमान जी वाटिका पहुँचते हैं और माता सीता से मिलते हैं । प्रभु श्रीराम का दिया हुआ अंगूठी सीता माता को देते हैं और अपना परिचय देते हैं । हनुमान जी कहते हैं माता मुझे बहुत भूख लगी है आपकी आज्ञा हो तो हम फल खा लें ? सीता जी ने आदेश दिया हनुमान जी पूरे अशोक वाटिका में उत्पात मचाने लगते हैं , कुछ राक्षस का वध करते हैं । उसके बाद मेघनाथ आता है , हनुमान जी को बांधकर लंका ले जाता है । रावण हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का आदेश देता है । उस पूंछ की आग से हनुमान जी पूरी लंका को जला देते हैं । पूरी लंका जलकर नष्ट हो जाती है । यह दृश्य देख कर मैदान में बैठे सभी दर्शक जय श्रीराम जय श्रीराम का उद्घोष करने लगते हैं । लीला के अन्त में प्रभु श्रीराम की आरती उतारी जाती है , सभी रामभक्तों को प्रसाद वितरण किया जाता है । आरती उतारते समय समिति के अध्यक्ष पंकज गोयल , महामंत्री अनूप अग्निहोत्री एवं उपाध्यक्ष अनिल जी बर्नवाल , हर्ष बर्नवाल , उमेश अग्रहरी , कन्हैया वर्मा , चन्द्र कुमार वर्मा , अनुराग मझवार , रमेश सिंह , मदन अग्रहरी , गोपाल वर्मा , दिनेश सर्राफ , विकास गुप्ता , शैलू जी , अंकित बर्नवाल , विक्की वर्मा , हरभजन सिंह इत्यादि लोग उपस्थित थे ।

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