रिपोर्टर सौरभ पाठक IBN NEWS बरेली
हमने देखा है कि एक अफवाह पर इस देश के लोग दस रूपये किलो का नमक दो सौ रुपये में भी खरीदने लगते हैं | कई बार प्याज या कोई अन्य वस्तु बाजार से गायब होने की अफवाह फैलने पर मुनाफाखोर कालाबाजारी शुरू कर देते हैं और लोग दो रुपये की कीमत का माल सौ रुपए में भी खरीदने को दौड़ने लगते हैं | ठीक वैसा ही हाल इस समय कोरोना की दूसरी लहर के समय हो रहा है, जैसे ही लोग कोरोना की चपेट में आना शुरू हुए, बीमारों की संख्या बढ़ने लगी और खबरों का बाजार गर्म हुआ, वैसे ही मुनाफाखोर, कमीशनखोर और कालाबाजारी करने वाले हैवान भी सक्रिय हो गए | अस्पतालों में बैड फुल का बोर्ड लगाकर सौदेबाजी होने लगी |
आठ सौ रुपये में मिलने वाला ऑक्सीजन का सिलेंडर पंद्रह हजार से लेकर अस्सी हजार रुपये तक में बेचा जाने लगा | एंबुलेंस वालों के द्वारा पांच किलोमीटर की दूरी के दस हजार रुपये तक वसूले जाने लगे | श्मशान में लाशों को जलाने के भी ठेके होने लगे | हजार रुपए का इंजेक्शन पच्चीस हजार में बेचा जाने लगा | चारों तरफ भयावह और अराजकता का माहौल बन गया है | शासन, प्रशासन और जनता सब बेबस नजर आने लगे हैं |
इससे ज्यादा शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय कुछ हो नहीं सकता | इसे घोर कलयुग ही कह सकते हैं जिसमें लोग नागरिकों के दर्द, पीड़ा और आंसुओं से भी मुनाफा कमाने से नहीं चूक रहे हैं | लेकिन इन सब के लिए हम स्वयं ही जिम्मेदार हैं | इन भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा भी हमारे द्वारा ही दिया जाता है | जैसा की खबरें आ रही हैं कि जिनको जरूरत नहीं है उन्होंने भी ऑक्सीजन सिलेंडर घर में प्याज और नमक की तरह जमा करने शुरू कर दिए हैं | कुछ लोग अस्पतालों में रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भी बैठ छोड़ने को राजी नहीं है |
इसी आपाधापी और डर के माहौल को कुछ लोग कैस करना शुरू कर देते हैं | यही ही वजह है कि आज अस्पतालों में किसी भी मरीज को डाक्टर भर्ती करने को राजी नहीं हैं | यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि इलाज के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं | लोगों से मेरा निवेदन है कि बिना वजह और जरूरत से गैस सिलेंडर, दवाईयां और इंजेक्शन आदि जमा करना बंद करें ताकि जरूरतमंद को उक्त चीजें आसानी से उपलब्ध हो सकें |
लेकिन उन कमीशनखोरों, जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों का कुछ नहीं हो सकता क्योंकि उनकी आत्मा और मानवता दोनों ही मर चुकी है | ऐसे लोगों को केवल दो मिनट का मौन ही धारण किया जा सकता है | सरकार को इनके खिलाफ कुछ सख्त कदम उठाने की जरूरत है|
जगपाल सिंह भाटी
वरिष्ठ सहायक- एनसीसी समूह मुख्यालय