रिपोर्ट ब्यूरो
भये प्रकट कृपाला दीनदयाला
गोरखपुर। श्री श्री रामलीला समिति , आर्यनगर के तत्वावधान में सोमवार की रात कलाकारों ने राम जन्म, मुनि आगमन , तड़का वध प्रसंग का मंचन किया । दूसरे दिन की लीला का मंचन शुभारम्भ भगवान की आरती से हुआ । मुरादाबाद की प्रसिद्ध रामलीला कार्तिकेय सांस्कृतिक संस्था के कलाकारों द्वारा लीला का मंचन देखकर दर्शक भावविभोर हो गए ।
आज की लीला में दिखाया गया कि रावण के अत्याचार से देवलोक , पृथ्वीलोक हाहाकार हो जाता है । देव , पृथ्वी ,गौ , गन्धर्व परमपिता ब्रम्हा के पास जाते है और वन्दना करते है । आकाशवाणी होती कि अयोध्या के राजा दशरथ के घर भगवान राम का अवतार होगा और और आप सभी को रावण के अत्याचारों से मुक्ति मिलेगी । उधर महाराज दशरथ को पुत्र प्राप्ति की चिंता होती है ।
गुरु वशिष्ठ जी के निर्देश पर ऋषिश्रृगीं से पुत्रेष्टि यज्ञ कराते है । जिसके फलस्वरूप राम , लक्षमण , भरत , शत्रुघ्न का जन्म होता है । भगवान की जन्मलीला का मंचन करते हुए लीला मंच से जैसे ही ” भय प्रकट कृपाला दीनदयाला ” का उदघोष हुआ । दर्शक भावविभोर होकर झूम उठे और तालियों की आवाज से मानसरोवर का प्रांगण गूँज उठा । रामजन्म के पश्चात विश्वामित्र जी के यज्ञ का तड़का , सुबाहु आदि राक्षस विध्वंस कर देते है यह देखकर विश्वामित्र जी को चिंता होती है तभी आकाशवाणी होती है कि उनके यज्ञ की रक्षा भगवान राम करेंगे ।
विश्वामित्र जी का अयोध्या आगमन होता है यज्ञ की रक्षा हेतु राम – लक्षमण को लेकर जाते है । मार्ग में वीरान सी कुटिया दिखाई देती है जिसे देखकर विश्वामित्र जी से पूछने पर वे बताते है कि महर्षि गौतम की कुटिया है और यहाँ उनके शाप के कारण उनकी पत्नी अहिल्या जो परमपिता ब्रम्हा जी की मानस पुत्री है शिला रूप में है देवराज इंद्र ने अहिल्या का शीलहरण की कोशिश की थी जिस पर कुपित होकर इंद्र को महर्षि गौतम ने श्राप दिया था । उसी क्रोध में अहिल्या को भी श्रापित किया था ।भगवान राम शिला स्पर्श करते है तो शिला सुन्दर स्त्री का रूप ले लेती है । वीरान वन पुष्पित पल्वित हो उठता है , पक्षी कोलाहल करने लगते है । यहाँ से प्रभु राम यज्ञ की रक्षा करते हुए तड़का का वध करते है । इस अवसर पर रेवती रमण दास पुष्प दंत जैन , मनीष अग्रवाल सराफ , विकास जालान ,कीर्ति रमण दास,जितेन्द्र नाथ अग्रवाल “जीतू” ,मनीष अग्रवाल सराफ सहित अनेकों की सहभागिता रही।