संवाददाता मुदस्सिर हुसैन IBN NEWS मवई अयोध्या
16/11/2021 मवई अयोध्या – शारदा सहायक नगर से नेवरा के लिए निकली छोटी माइनर का सफाई का कार्य,कार्यदाई संस्था द्वारा बीच में ही छोड़ दिया गया अधूरा ,यह कोई एक बार नहीं बल्कि इससे पहले भी इस नहर की सफाई कार्य बीच में ही छोड़ दिया गया था अधूरा ,लेकिन जब इस संबंध में आलाधिकारियों व अख़बार के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया गया,तो फिर इस नहर की सफाई का कार्य शुरू किया गया,लेकिन लगभग 1 किलो मीटर की सफाई कराने के बाद एक बार फिर सफाई का कार्य बीच में ही अधूरा रह गया,जब कि यह नहर लगभग 3 किलो मीटर की है। ऐसे में बीच की सफाई न होने से किसानों को कैसे पानी पहुंचेगा।
क्या यह नहर किसानों के लिए अभिशाप बन कर रह जाएगी। इस नहर की सफाई न होने से किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है,इस संबंध में I B N NEWS ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो एक बार फिर इस माइनर की सफाई कार्य शुरू हुआ,लेकिन फिर इस सफाई के कार्य को बीच में ही छोड़ दिया गया,सवाल यह उठता है कि जब नहर की सफाई का कार्य टेल तक नहीं किया जाएगा,तो किसानों को पानी कैसे मिलेगा। आज इस ज्वलंत समस्या से अधिकारी भी मोन बने बैठे हैं।
संबंधित अधिकारियों की लापरवाही का दंश किसानों को उठाना पड़ रहा है। जो कि कई सालो से इस माइनर में पानी नहीं पहुंचा।ऐसे ही हालात से जूझ रहे हैं ग्राम राने पुर,नेवरा,संद्वा,सलारपुर, आदि आने वाले गांव,सरकार किसान की आय दुगनी करने का दावा भले ही करे,लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसानों की आय कैसे दुगनी हो सकती है। जब किसानों को नहर से पानी नहीं मिलेगा,तो किसान अपने खेतों को कैसे सिंचित करेगा।
अतः किसान की आय कैसे दुगनी होगी।करीब दर्जन भर गांवो से होकर निकली यह छोटी माइनर हजारों बीघा खेतो को सिंचित करने का काम करती है। लेकिन सफाई न होने से पानी टेल तक नहीं पहुंच पाता,जिससे किसान इसका फायदा नहीं उठा पा रहा है। जन समस्याओं का समाधान करने के लिए तहसील व ब्लॉक मुख्यालय पर जिला के आलाधिकारी भी शामिल होते हैं फिर भी कृषकों की इस मूल भूत आवश्यकता से आज भी नावाकिफ बने बैठे हैं। इसे किसानों की विडंबना कहे या प्रशासन की नाकामी,या जन प्रतिनिधियों की अनदेखी,वजह कुछ भी हो लेकिन यह समस्या किसानों के लिए एक सपना बन कर रह गई है। जिसके चलते किसान के लिए खेती फायदे के बजाय नुकसान का सौदा बनती जा रही है। किसान आज भी खेतो को जोत बो कर नहर की और टकटकी लगाए देखा करता है कि इस नहर में पानी कब आएगा।