बीगोद- कस्बे के बालाजी चौक में आदर्श रामलीला कमेटी के कलाकारों द्वारा चतुर्थ दिन कैकई मंथरा संवाद राम वनवास निषाद राज दरबार में केवट और राम के सवाद का लौकिक वर्णन किया गया।
माधव कीर के सानिध्य में निर्देशानुसार रामलीला मे कलाकारों का मंचन किया जा रहा ।रामलीला के चौथे दिन कैकई मंथरा संवाद राम वनवास रामायण की सबसे बड़ी घटना राम को 14 वर्ष का वनवास जाना मांगा माता कैकेयी ने राजा दशरथ से भगवान राम के लिए 14वर्ष के लिए वनवास मांगा जिसके कारण रावण का अंत हो सका। राम को पूरे जीवन की बजाय 14 वर्ष का वनवास ही मांगा । राजा दशरथ की तीसरी पत्नी कैकेयी भगवान राम के बजाय भरत से सबसे ज्यादा प्रेम करती थी। वनवास मांगने के दौरान भरत हैरान हुये। भरत का राज्याभिषेक भी करवानी चाहती कैकयी स्वार्थ था रोचक कहानी थी। राम 14 वर्ष सीता, लक्ष्मण के साथ वन को निकले इस दौरान राक्षसों का संहार किया। ऋषि मुनियों का उद्धार किया इसलिए साथ ही निषाद राज दरबार केवट राम संवाद आदि का मंचन हुआ जिस दौरान सुरसरी पार लीला का जीवन चितंन किया गया लीला देखकर श्रद्धालु भाव भिवोर हो गये मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम लक्ष्मण व सीता के साथ श्रृगवेरपुर स्थित तमसी नदी के तट पर विश्राम करने के बाद वहां राजा निषाद राज को संदेश देकर बुलाते हैं केवट राज निषाद जाते हैं कि प्रभु जब तक मैं आपके पैर पखार नहीं लूंगा तब तक आपको मैं नाव पर नहीं बैठा सकता हूं आप अपना पैर पखारने की अनुमति दें इतना सुनने के बाद श्री राम ने कहा कि केवट जैसा तुम चाहो वैसा ही करो ना सुनने के बाद निषादराज दौड़ते हुए अपने घर जाते हैं और काठ का बर्तन लेकर आते हैं उसमें गंगा का जल लेकर श्री राम का बड़े आनंद किया था पैर धौने लगते इस दौरान उनकी आंखों से आंसू बहने लगे इस दृश्य को देखकर प्रभु श्री राम भाव विहल होकर अपने गले लगा लिया श्री राम लक्ष्मण और सीता के साथ वन के लिए नाव द्वारा सुरसरि पार चले गए लगे इस प्रसंगों का रामलीला के दौरान मामिर्क वर्णन प्रस्तुत किया गया। रामलीला में कलाकार केकई के रूप में सत्य नारायण तेली, मंत्रा के रूप में श्याम लाल सुथार, दशरथ के रूप में माधव लाल कीर, निषाद के रूप में राज सुरेश सोनी, राम के रूप में दुर्गा शंकर नायक, लक्ष्मण के रूप में हेमराज सुथार ,सुमंत के रूप में देवीलाल ,सोनू वैष्णव, सत्यनारायण सोडाणी ,भेरूलाल सेन, चिन्नू सोनी आदि बाल कलाकार ने अभिनय किया जा रहा। रामलीला में निखार के साथ ग्रामीण लोग आनंद ले रहे हैं (फोटो कैप्शन– राम सीता को नाव से पार करवाते )
फोटो प्रमोद कुमार गर्ग