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अयोध्या बीकापुर तहसील में भरस्टाचार का इस तरह बोल बाला है कि sdm के साथ टोपी लगा कर चलने वाले कथित अर्दली राकेश कुमार की dm से शिकायत रजिटर्ड डाक द्वारा हुई है। कथित अर्दली मार्च तक सीजनल अमीन का चपरासी पर नियुकित थीं उंसके बाद भी वह अपने बल बूते और जादुई कौशल के आधार पर sdm का अर्दली बना है, बाकायदा अपने मोबाइल नम्बर्स कानूनगो, लेखपालों को निर्देश भी sdm की तरफ देता है। पीड़ित रंजीत कोरी ने dm से शिकायत किया है कि कथित अर्दली के कारण असली कर्मचारी भी भयभीत रहते है। यही नही गुरुवार को जन सूचना की प्रति रिसिब करवाने गए रंजित की प्रति कोई भी कर्मचारी लेने को इसलिए तैयार नही हुआ क्योकि मामला कथित अर्दली से जुड़ा था, पीड़ित का आरोप है अर्दली अपनी पहुँच व रसूख से अधिकाइयो को पटा कर अच्छी कमाई भी कर रहा है। मामले में जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी भी मांगी गई है कि असली अर्दली sdm का कौन है। कथित अर्दली पर पीड़ित ने आरोप लगाया है कि उसकी पैमाइस में उसने कानून गो को फोन कर रोका तो इसका पताचला है। फिलहाल बीकापुर तहसील की हालत बाद से बदतर हो चुकी है, मामले में पीड़ित न्यायालय भी जाने की बात बताई है। बताया कि फर्जी अर्दली की vdo व फ़ोटो उंसके पास मौजूद है। पीड़ित का आरोप है कि जब वह sdm से मिलने जाता है तो वह पहले मिलकर रोक देता है। फिलहाल अर्दली चर्चा का विषय बना हुआ है।
अभिलेखों से पता चला है कि राकेश मार्च 14 तक सीजनल चपरासी वसूली में था उंसके बाद उसकी तैनाती समाप्त है। उंसके द्वारा किए गए कई कारनामो की फेहरिस्त तैयार हो रही है।