अजय कुमार उपाध्याय वाराणसी
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने दिनांक 12 जून 2021 को कुलपति का कार्यभार ग्रहण करते ही यहाँ की जर्जर आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिये क्रमश: तत्काल वित्त समिति करके आर्थिक ढांचे मे बदलाव का जमीनी स्तर से प्रयास किये हैं।
इसके लिये दिनांक 27 जुलाई 21 को वित्त समिति के माध्यम से छात्रवृत्ति,बर्सरि छात्र शास्त्री,आचार्य व शोध में क्रमश:रुपये 2000/,3000/ व5000/ प्रतिमाह के अनुसार वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी इस शर्त के साथ दी गयी कि यदि शासन द्वारा इस मद हेतु अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करायी जाती है तो भुगतान किया जा सकेगा।
कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि दशकों बाद विश्वविद्यालय के शोध प्रपत्रों के फीस मे क्रमश:शोध प्रगति पत्र रुपये 05/00 से 100/ रुपये,डी॰लीट॰(वाचस्पति) प्रवेश फ़ार्म रुपये100/00 के स्थान पर रुपये 1000/00 किये जाने की संस्तुति की गयी है।
वित्त समिति एवं कार्यपरिषद ने राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय,वाराणसी के एम०डी० एवं एम०एस० के पंजीकरण शुल्क रुपये 2500/00 तथा शोध प्रबंध परीक्षण शुल्क रुपये 15000/00 किये जाने के प्रस्ताव पर भी संस्तुति प्रदान की गयी है।
इसके अतिरिक्त आयुर्वेद संकाय बोर्ड से पारित शोध प्रबंध के मूल्यांकन हेतु रुपये 750/00 की संस्तुति भी की गयी।
कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि आर्थिक स्थिति को व्यवस्थित करने के लिये विश्वविद्यालय द्रुत गति से अनेक प्रस्ताव बनाकर शासन मे भेज रहा है साथ ही गत दिनो इसके लिये कुलपति ने स्वंय क्रमश: महामहिम राज्यपाल,मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात कर अनुरोध भी किया गया है।