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सफलता के नए सोपान पार कर रहे हैं अभिनेता गौरव शंकर खरे

रिपोर्ट ब्यूरो गोरखपुर

गोरखपुर। बाबा गौरक्षनाथ की नगरी गौरखपुर में जन्मे फिल्मकार, प्रबंधन विशेषज्ञ, अभिनेता, पत्रकार, गौरव शंकर खरे दिन-प्रतिदिन सफलता के नए सोपान पार कर रहे हैं। गौरव का परिवार विगत कई पीढ़ियों से राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रति मुखर है और राष्ट्रवाद के प्रचार-प्रसार में संलग्न है। उनके बाबा लक्ष्मी शंकर खरे, गोरखपुर नगर में जनसंघ और भाजपा के अध्यक्ष रहे। उन्होंने नानाजी देशमुख, अटल बिहारी वाजपेई और गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ जी के साथ भी संगठनात्मक कार्य किया। वे गोरखपुर नगर निगम के प्रथम चेयरमैन बने।

गौरव के पिता रविशंकर खरे, वर्तमान में भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ के अध्यक्ष के रूप में रंगमच के माध्यम से राष्ट्रवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं। रविशंकर खरे ने संस्कार भारती के अखिल भारतीय नाट्य संयोजक होने के साथ ही दर्पण गोरखपुर के अध्यक्ष रहने के दौरान अनेक नाट्य रचनाओं का राष्ट्रीय स्तर पर मंचन कराया, विभिन्न महोत्सव आयोजित कराए। रविशंकर खरे, फिल्मकार अभिक भानू निर्देशित जलियांवाला बाग नरसंहार की तरह उत्तर प्रदेश के चौरी-चौरा में हुई घटना के बाद भड़की जनक्रांति पर आधारित फिल्म ‘1922 प्रतिकार : चौरी-चौरा’ से प्रस्तोता के रूप में जुड़े हुए हैं।

गौरव शंकर खरे भी अपने पूर्वजों की परिपाटी को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। गौरखपुर से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत स्नातक की पढ़ाई दिल्ली में की। अपनी रूचि के अनुरूप गौरव शंकर खरे ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नोएडा स्थित प्रख्यात फिल्म संस्थान एशियन एकेडमी आॅफ फिल्म एंड

टेलीविजन (आफ्ट) से फिल्म निर्माण विधा का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने कई प्रोजेक्ट में अपना सृजनात्मक योगदान दिया। वर्ष 2003 में

उत्कृष्ट निर्देशन के लिए उन्हें ‘बेस्ट डायरेक्शन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। उन्हें यह अवार्ड पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने दिया।
लिखने-पढ़ने में विशेष रूचि रखने वाले गौरव शंकर खरे का छात्र जीवन से ही मीडिया के साथ निकटतम संबंध रहा है। शिक्षा प्राप्ति के बाद गौरव शंकर खरे

ने विज्ञापन के क्षेत्र में सक्रिय संस्थान ‘ऊषककाल’ के साथ कार्य किया। इसके बाद टीवी चैनल ‘सहारा समय’ में बतौर निर्माता अपनी सेवाएं दीं। तदोपरांत

दिल्ली से प्रकाशित पत्रिका आब्जर्वर डॉन से जुड़े रहे और प्रबंधन पक्ष संभाला। वर्तमान में राष्ट्रवादी पत्रिका ‘गौरवशाली भारत’ और ‘हिन्द पथिक’ के साथ

पत्रकार के रूप में सक्रिय हैं। साथ ही अभिनय और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति अंकित करने में जुटे हुए हैं।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी गौरव शंकर खरे चौरी-चौरा जनक्रांति पर आधारित फिल्म ‘1922 प्रतिकार : चौरी-चौरा’ के क्रियेटिव प्रोड्यूसर होने के साथ ही

बतौर अभिनेता भी जुड़े हुए हैं। इस फिल्म में वे गोरक्षनाथ पीठ से संबद्ध ‘चिंताहावा बाबा जी’ की भूमिका निभा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चिंताहावा बाबा ने स्वाधीनता आन्दोलन में अनेक क्रांतिकारियों के प्रेरक और संरक्षक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। माना जाता है कि ‘चिंताहावा बाबा’ गोरक्षनाथ पीठ के महंत दिग्विजय नाथ जी का ही छद्म नाम था।

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