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गाजीपुर: जिले में फर्जी अस्पतालों व पैथोलाजजयों की जांच ठप स्वास्थ्य माफिया बेखौफ, हवा में झूल रहाआलाकमान का फरमान

टीम आई0बी0एन0 न्यूज
गाजीपुर: जजले के सभी तहसील मुख्यालयों व ब्लाक मुख्यालयों पर थोक के भाव खोलेगये प्राइवेट
अस्पतालों की तादाद तीन सौ से उपर हो गयी हैंजब की सम्बन्धित विभाग भी महज डेढ़ सौ के आस-
पास अस्पताल पांजीकृत है। एक महीने पहले विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों मेंएक के बाद एक हुई आधा
दर्जन मौतो के बाद जिलाधिकारी के कड़े रूख को देखते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में टीम
गठित कर मीडिया को बाकायदा प्रेस नोट जारी किया गया फिर जल्द ही ज़िले भर में फजी व झोला
छापों द्वारा चलाये जा रहे अवैध अस्पतालों को सीज किया जायेगा और आरोपियों को जेल भेजा जायेगा
लेकिन कार्यवाही ढाक के तीन पात ही रह गई और आलाकमान का फरमान हवा हवाई हो गया।
ज़िला मुख्यालय सदर सहित मुहम्मदाबाद, जमानिया , अहमदाबाद , सैदपुर, सेवराई, जखनिया , तहसील
मुख्यालयों पर आधा दर्जन प्राइवेट अस्पताल व जांच केन्र के नाम पर फर्जी पैथोलाजी सेन्टर बेखौफ
चलाये जाते है। इसी तरह सदर, काशिमाबाद , बाराचवर, मुहम्मदाबाद, भाांवरकोल, रेवतीपुर, जमानिया , भावरकोल ,
सादात, जखनिया , सैदपुर, मनहारी, बिरनो , मरदह, करण्डा, देवकली सभी ब्लाक मुख्यालयों पर झोलाछाप
अपनी दुकान लगाये बैठे है। इन अस्पतालों मेंमरीजों के पहुचने के बाद कुछ हजार मेंउनकी बीमारी का
नही ज़िन्दगी का ही सौदा हो जाता है और परिजन रोते बिलखते घर लौट जाते हैं।
इसी क्रम में ज़िले की सादात, सैदपुर, ठदलदारनगर, जमानियॉ, शहर व मुहम्मदाबाद के साथ जांगीपुर नगर
पांचायत मे भी तेजी से झोलाछाप चिकित्सको व फजी अस्पतालों का आांकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है।
अब तो बेखौफ स्वास्थ्य माफिया नेशनल हाइवे पर भी बिना पंजीयन के अस्पताल बेखौफ चलाते हैं। इन
अस्पतालों में जिनका पंजीयन हैवह स्वास्थ्य माफिया किसी चिकित्सक से उसकी डिग्री लेकर कुछ पैसे
दे देता हैऔर खुद चिकित्सक बनकर आपरेशन का खेल खेलने लगता हैं। इन अस्पतालों में गाांव देहात
की युवनतयों को तीन से चार हजार रूपये महीने पर रखकर उनको नर्सेज युनिफारम उपलब्ध करा दिया
जाता है। इस बात की पड़ताल के नाम पर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से जुड़ेतमाम बाबूऐसे
अस्पतालों पर दरबार भी लगाते हैं। ब्लाक व तहसील स्तर पर चल रहे प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
के प्रभारी भी अपनी आॅ ख मूंद निजी फायदे के चलते मामलों को अनसुना कर देते हैं।
मौजूदा जिलाधिकारी आर्यक अखौरी ने पिछले सप्ताह जब जनपद का जायजा लिया तो मीडिया कर्मियों ने
यह सवाल उठाया लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य माफियाओं पर कार्यवाही के बावत
कोई अांकुश अकुश दिखाई नही दे रहा हैं। जबकि मुख्य चिकित्साधिकारी गोववन्द सिंह ने कहा कि मौजूदा
जिलाधिकारी के स्थानान्तरण व नये जिलाधिकारी के चार्ज लेने के बाद लगातार प्रयास किया जा रहा है
कि होने वाली कठिनाइयों के बावत मजिस्ट्रेट की उपलब्धिता सुनिश्चित की जाय और यह लेटर
जिलाधिकारी को भेजा गया हैलेकिन अभी तक कोई जवाब नही मिला हैं।
राके श की ररपोटज

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