मनीष दवे IBN NEWS
भीनमाल :-
व्यक्ति तो चला जाता है लेकिन अपनी यादें दिलो में छोड़ जाता है ! जिनके व्यक्तित्व से कही लोगो के प्रेरणा स्रोत बन जाते है ! सांचोर तहसील के कारोला गांव निवासी तहसीलदार स्व. श्री जयसिंह चौहान के सुपुत्र मदन सिंह चौहान की कहानी भी ऐसी है “कोर्ट साहब” के नाम से जाने जाते है ! सरल स्वभाव, मिलनसार,व्यक्तित्व के धनी हमारे प्रेरणा के स्रोत मार्गदर्शक थे आप छोटे बच्चो से बहुत प्यार करते थे आप उच्च पद पर नोकरी करने के बावजूद कभी अहंकार नहीं किया छोटे बड़े सभी के साथ घुल मिल कर रहते थे, गाँव से बहुत ही लगाव था जब भी छुट्टियां में आते तब सभी को मिलना एवं साथ में बैठना पार्टियां करना जब दीपावली आती तब छोटे बच्चे इंतजार करते की पप्सा आएंगे मिठाई और फटाके लाएंगे आप बहार से बहुत मिठाई फटाके लेकर बच्चो में बाटते और बच्चे बहुत खुश होते थे! दीपावली पर सभी भाइयो, आम जन ग्रामीणों से मिलना रामा श्यांमा करना तथा होली पर धुलंडी का खूब शौक रखते सभी बड़ो के साथ पानी डालकर सब के साथ मिलजुल कर त्योहार का आनंद लेते और छेडा बंदी बाधते वो माहौल ही असली त्योहार का महत्त्व रखता था
आप का जन्म 05 जनवरी 1948 में कारोला गांव में हुआ था आप ने अपनी पढाई वकालत(B.A.LLB) तक जोधपुर से पूरी की तथा उसके बाद आप ने वकालत शुरू की कुछ समय सांचोर और फिर भीनमाल में भी वकालत की और गाँव मे अपने खेती की देखभाल भी करते थे और आप ने सरकारी नोकरी के लिए परीक्षा दी और आप ने उसमे सफलता प्राप्त की और 18 अक्टूम्बर 1976 को सहायक लोक अभियोजन (APP द्वितीय) पद पर नियुक्त हुए और जैसलमेर में ज्वॉइन की उसके बाद आप का स्थातरण बाड़मेर,सिरोही,सुमेरपुर,सोजत,पिंडवाड़ा,बालोतरा में सेवा दी , आप का प्रमोशन हो गया 1994 में आप सहायक लोक अभियोजन प्रथम (APP प्रथम) बन गए और परिवार, गाँव, रिस्तेदाऱो ने अपने आप को गोरवान्वित मेंहसूस किया लेकिन होनी को कोन टाल सकता कुछ महीनों बाद दिनांक 10 दिसम्बर 1994 की रात्रि को बाड़मेर से बालोतरा आते वक्त जसोल फाटे पर आप की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया जिसमें आप का देहांत हो गया परिवार पर दुःख का कहर बरस गया समस्त गाव , सांचोर वासीयो में शोक की लहर छा गई लेकिन भगवान की मर्जी के आगे किस की नही चलती इस वज्र दुःख पुरे परिवार ही नहीं अपितु पुरे गाँव पर पड़ा ! आप के दो पुत्र एवं एक पुत्री है देवेंद्र सिंह (कृषि पर्यवेक्षक) सांचोर में एवं गजेंन्द्र सिंह कारोला समाजसेवी और आर.डी.फाउंडेशन,भीनमाल के में क्षेत्रीय प्रबंधक के पद पर कार्यरत है!
आपके पास कोई भी कार्य से कोई व्यक्ति आया उनका आप ने पूरे आदरभाव से उनका काम करवाया जहाँ भी रहे वहां आप के कार्यशैली, आप के व्यवहार एवं मिलनसार से सभी का दिल जीता और अपनी अनूठी पहचान बनाई और छोटे बड़े अमिर गरीब सभी का काम बिना भेदभाव से करते थे और हर सम्भव सहायता की आप ने आप की नेकी और अच्छे कर्म के कारण आज भी लोगो के दिलो में जगह बनाये रखी जहाँ भी बहार जाते तो और कारोला का नाम लेते तो पुराने लोग बोलते कारोला में मदन सिंह थे तब हमारा सीना गर्व से चोडा हो जाता की आज भी लोगो के दिलो में उनका नाम जिन्दा है! आप के बाड़मेर में सरूप सिंह चाढ़ी, उगमसिंह सेतराऊ, रूप सिंह चोहटन, तो सिरोही में नाथू सिंह जेला, गुलाब सिंह गल्थनी,गजेंन्द्र सिंह गल्थनी, सुल्तान सिंह डाक, बालोतरा में गणपत सिंह असाड़ा, कान सिंह राखी,रामसिंह सोढा, अच्छे मित्र थे आप सभी अधिकारियो के साथ मधुर सम्बध रखते थे आप अपने भाईयो से बहुत स्नेह करते थे जहा भी आप सेवारत रहे! वहा पर एक दो भाई को साथ में जरूर रखते थे ताकि गाव कि कमी भाईयो से बात कर दुर कर सके !बच्चे आप को प्यार से (पप्सा) कहते थे गाव में आज भी जब कोई आप के घर जाकर आते हैं तो पूछने पर बच्चे पप्सा या कोर्टसाहब के घर गये थे आप का गांव वालों से बहुत स्नेह करते थे! आप हमेसा कहते थे होली व दिवाली भाईयो व गाँव वालो के साथ मनानी चाहिए! आप गावं वालो को झगड़ा से दूर रहने कि सलाह देते ! हमेसा सबको मिलजुलकर रहने कि सलाह देते थे !
आप कि यादो व आदर्श मार्गदर्शक के लिए
आप की गाँव में छतरी (मंदिर) बना हुई है जो हर महीने की उज्वाली आठम को लोग वहां प्रसादी चढ़ाते है ओर नमन करते है !
गजेंद्र सिंह कारोला